अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का 4.5 ट्रिलियन डॉलर का विशाल आर्थिक पैकेज, जिसे ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ कहा जाता है, अमेरिकी संसद में मंजूर हो गया है। लंबे समय तक चली बहस के बाद यह बिल हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में 218-214 के नजदीकी वोटों से पास हुआ। अब ट्रंप के बिल पर हस्ताक्षर करने की तैयारी है, जो 4 जुलाई 2025 को होने वाला है। इस बिल के लागू होने के बाद अमेरिका में कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे, जिनका प्रभाव न केवल अमेरिका पर बल्कि वैश्विक स्तर पर भी पड़ेगा।
बिल में क्या हैं मुख्य प्रावधान?
‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ करीब 940 पन्नों का विस्तृत दस्तावेज़ है, जिसमें आर्थिक सुधार और सुरक्षा को लेकर कई प्रावधान शामिल हैं। सबसे बड़ा प्रावधान है 2017 में बने टैक्स कट्स एंड जॉब्स एक्ट को स्थायी बनाना। इसके तहत ओवरटाइम वेतन, टिप और सोशल सिक्योरिटी आय पर 15% तक टैक्स कटौती की जाएगी। इसके अलावा, कॉर्पोरेट टैक्स की दरें भी कम की जाएंगी, जिससे व्यवसायों को फायदा होगा।
बिल में बॉर्डर सिक्योरिटी पर विशेष जोर दिया गया है, जिससे अमेरिका के अंदर अवैध प्रवासियों की रोकथाम कड़ी होगी और उन्हें तेजी से डिपोर्ट किया जाएगा। मिलिट्री और सुरक्षा से जुड़े खर्चों के लिए भी फंडिंग बढ़ाई गई है। इसके साथ ही, रेमिटेंस टैक्स का भी प्रावधान किया गया है, जिसके तहत विदेशों से अमेरिका आने वाले पैसे पर 3.5% से 5% तक टैक्स लगाया जाएगा। ट्रंप के अनुसार, यह बिल अमेरिका के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
भारत पर इसका क्या असर होगा?
इस बिल के कई प्रावधानों का सीधे तौर पर भारत पर असर पड़ेगा। सबसे अहम है रेमिटेंस टैक्स में बदलाव। अभी तक भारत से अमेरिका जाने वाली धनराशि पर 3.5% टैक्स लगता था, जिसे घटाकर 1% किया गया है। लेकिन अब इस बिल के तहत कैश, मनी ऑर्डर, और कैशियर चेक के जरिए भेजे गए पैसे पर एक प्रतिशत टैक्स देना होगा, जबकि बैंक ट्रांजेक्शन पर छूट रहेगी। बिल के लागू होते ही अमेरिका में बाहर से आने वाले पैसे पर टैक्स 3.5% से बढ़कर 5% हो जाएगा, जो भारत में रह रहे प्रवासियों और बिजनेस करने वालों को प्रभावित करेगा।
भारत के लिए यह बिल आर्थिक अवसरों के साथ-साथ चुनौतियां भी लेकर आएगा। एक ओर जहां सरकारी खर्चों में कटौती से भारत को बेहतर व्यापारिक माहौल मिल सकता है, वहीं दूसरी ओर वैश्विक आर्थिक दबाव बढ़ने की आशंका है। अमेरिका के कर्ज में बढ़ोतरी से डॉलर की वैल्यू पर दबाव आएगा, जिससे भारतीय रुपये सहित कई अन्य मुद्राओं की कीमत गिर सकती है।
ग्लोबल इकोनॉमिक और टेक्नोलॉजी पर प्रभाव
बिल के लागू होने के बाद अमेरिका क्लीन एनर्जी में निवेश कम कर सकता है, जो वैश्विक तकनीकी विकास और निवेश प्रवाह को प्रभावित करेगा। इससे भारत के कई प्रोजेक्ट्स जैसे सोलर और विंड एनर्जी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल (EV) से जुड़े चिप्स, बैटरियों और अन्य प्रोडक्ट्स की मांग में कमी आने का खतरा है, जो भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोटिव सेक्टर के लिए चिंता का विषय है।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप का ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ अमेरिकी आर्थिक नीति में बड़ा बदलाव लाएगा और इसे अमेरिकी संसद की महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है। यह बिल अमेरिका में टैक्स कटौती, बॉर्डर सिक्योरिटी, और सैन्य खर्चों को बढ़ावा देगा, वहीं अवैध प्रवासियों पर सख्ती करेगा। भारत जैसे देशों पर इसका सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह का प्रभाव पड़ेगा।
वैश्विक स्तर पर अमेरिकी डॉलर की ताकत और अमेरिकी आर्थिक नीतियों में बदलाव से दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित होंगी। भारत को इन परिवर्तनों को ध्यान में रखते हुए अपनी आर्थिक नीतियों और निवेश योजनाओं में आवश्यक समायोजन करने होंगे ताकि वैश्विक चुनौतियों का सामना किया जा सके और अवसरों का पूरा लाभ उठाया जा सके।