अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शुक्रवार देर रात फोन पर करीब ढाई घंटे लंबी बातचीत हुई। इस बातचीत को रूस-यूक्रेन युद्ध के भविष्य के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। दोनों नेताओं ने युद्ध को समाप्त करने, अमेरिकी हथियार आपूर्ति, गाजा संघर्ष में शांति प्रयासों और द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को मजबूत करने जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। राष्ट्रपति ट्रंप ने फोन कॉल के बाद अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर पोस्ट कर इस बातचीत की पुष्टि की और कहा कि “रूस और अमेरिका के बीच शांति की संभावनाएं पहले से बेहतर दिख रही हैं।” वहीं पुतिन ने ट्रंप को गाजा शांति समझौते में उनकी भूमिका के लिए बधाई दी और कहा कि “विश्व को स्थिर नेतृत्व की आवश्यकता है, जो केवल संवाद से संभव है।”
यूक्रेन ने मांगी टोमाहॉक मिसाइलें, पुतिन की चेतावनी
बातचीत के दौरान यूक्रेन संकट भी मुख्य मुद्दा रहा। ट्रंप ने खुलासा किया कि राष्ट्रपति जेलेंस्की लगातार अमेरिका से टोमाहॉक मिसाइलों की मांग कर रहे हैं। इस पर पुतिन ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अमेरिका ने यूक्रेन को ऐसी लंबी दूरी की मिसाइलें दीं, तो यह युद्ध की दिशा को पूरी तरह बदल देगा। पुतिन का कहना था कि “यूक्रेन को अमेरिकी हथियार मिलने का अर्थ होगा कि वॉशिंगटन सीधे तौर पर संघर्ष में शामिल है।” ट्रंप ने कहा कि वे स्थिति को और बिगड़ने नहीं देना चाहते और समाधान संवाद के माध्यम से ही निकालना चाहिए। उन्होंने यह भी जोड़ा कि “यूक्रेन को समर्थन जारी रहेगा, लेकिन किसी कीमत पर विश्व युद्ध की स्थिति नहीं बनने दी जाएगी।”
हंगरी बनेगा शांति वार्ता का केंद्र
ट्रंप ने घोषणा की कि यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए दूसरा शांति शिखर सम्मेलन हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले 15 दिनों में वे पुतिन से व्यक्तिगत रूप से मिलेंगे ताकि स्थायी समाधान की दिशा तय की जा सके। हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बन ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा, “हंगरी यूरोप में शांति का द्वीप बनेगा, जहां से नई शुरुआत होगी।” इसके अलावा, रूस और अमेरिका के विदेश मंत्रियों मार्को रुबियो और सर्गेई लावरोव के बीच अगले सप्ताह उच्चस्तरीय बैठक होने जा रही है, जो बुडापेस्ट शिखर सम्मेलन की तैयारी का हिस्सा होगी।
अलास्का मीटिंग का नहीं मिला नतीजा
इससे पहले अलास्का में ट्रंप और पुतिन की मुलाकात हुई थी, लेकिन उस बातचीत से कोई ठोस परिणाम नहीं निकल पाया था। अब दोनों नेताओं की नई पहल से उम्मीदें फिर से बढ़ी हैं। कूटनीतिक हलकों का कहना है कि अगर बुडापेस्ट वार्ता सफल रही, तो यह युद्धविराम की दिशा में ऐतिहासिक कदम साबित हो सकती है।
ट्रंप बोले – “8 युद्ध रुकवाए, अब 9वें पर काम चल रहा है”
अपने बयान में राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया, “मैं अब तक आठ युद्धों को रुकवा चुका हूं, और नौवां भी रोकने की कोशिश में हूं।” उन्होंने कहा कि आने वाले दो हफ्तों में इसके नतीजे दुनिया के सामने होंगे। ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि वे जल्द ही यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से भी मिलेंगे और उन्हें पुतिन से हुई बातचीत की पूरी जानकारी देंगे। अंतरराष्ट्रीय राजनीति के जानकार मानते हैं कि यह वार्ता भविष्य के अमेरिका-रूस संबंधों की दिशा तय करेगी। यदि दोनों देशों के बीच भरोसे का माहौल बना रहा, तो यूक्रेन युद्ध की आग ठंडी पड़ सकती है और दुनिया एक नए शांति अध्याय की ओर बढ़ सकती है।