मुंबई, 26 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। जयपुर के हीरापुरा बस स्टैंड पर बसों की जबरन शिफ्टिंग और आरटीओ-ट्रैफिक पुलिस की सख्ती के विरोध में शनिवार 26 जुलाई से राजस्थान के प्राइवेट बस ऑपरेटरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। ऑल राजस्थान कॉन्ट्रैक्ट कैरिज बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने जानकारी दी कि सुबह 6 बजे से राज्य के भीतर और बाहर जाने वाली लगभग 1000 बसों का संचालन पूरी तरह रोक दिया गया है। इसका सीधा असर दिल्ली, अहमदाबाद, भोपाल, सूरत और इंदौर जैसे बड़े रूटों पर पड़ा है।
हड़ताल के कारण रोजाना सफर करने वाले करीब 50 हजार से ज्यादा यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई यात्रियों को मजबूरी में रोडवेज, टैक्सी और अन्य माध्यमों का सहारा लेना पड़ रहा है। इससे रविवार को होने वाली लाइब्रेरियन परीक्षा देने वाले लगभग 80 हजार अभ्यर्थियों के लिए भी संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है, क्योंकि राजस्थान रोडवेज के पास केवल 3050 बसें हैं जो पूरे राज्य में संचालित हो रही हैं। बस ऑपरेटरों ने सभी बुकिंग प्लेटफॉर्म्स पर अपनी सेवाएं तत्काल होल्ड कर दी हैं, साथ ही ऑफलाइन बुकिंग पर भी रोक लगा दी गई है। एसोसिएशन ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर कोई ऑपरेटर बस चलाता है तो उसकी जिम्मेदारी केवल उसी की होगी। यूनियन का आरोप है कि बिना पूर्व तैयारी के हीरापुरा में शिफ्टिंग की जा रही है जहां न पार्किंग है, न वेटिंग एरिया और न ही यात्रियों के लिए आवश्यक सुविधाएं मौजूद हैं। इसके बावजूद शुक्रवार को झालाना आरटीओ कार्यालय में बैठक के बावजूद प्रशासन ने कोई समाधान नहीं दिया और एक दिन में 70 से ज्यादा बसों के चालान कर दिए।
ट्रांसपोर्ट यूनियन की मांग है कि शिफ्टिंग को योजनाबद्ध ढंग से किया जाए, 200 फीट बाईपास पर ट्रैफिक को रोका जाए और हीरापुरा बस स्टैंड पर सुरक्षा के लिए पुलिस चौकी बनाई जाए। ऑल राजस्थान टूरिस्ट कार एसोसिएशन के अध्यक्ष दिलीप सिंह मेहरौली ने आरोप लगाया कि ट्रैफिक पुलिस बार-बार बिना सूचना के चालान कर रही है, इसलिए टूरिस्ट वाहनों के लिए अलग स्टैंड अलॉट किया जाए। सरकारी आदेशों के मुताबिक, 1 अगस्त से अजमेर की दिशा में जाने वाली सभी रोडवेज और प्राइवेट बसों का संचालन हीरापुरा से होगा। इसके लिए 300 से 400 प्राइवेट बसें और 30 से 40 रोडवेज बसें वहां से चलाई जाएंगी। लेकिन हड़ताल के चलते रोडवेज पर दबाव बढ़ गया है। जयपुर स्थित सीबीएस आगार के प्रबंधक सुरेंद्र कुमार टाक के अनुसार, हरियाणा में होने वाली परीक्षा के चलते हरियाणा रोडवेज की 130 बसें जयपुर नहीं आ रहीं और प्राइवेट हड़ताल के कारण यात्रियों की संख्या बढ़ गई है। इसे देखते हुए रोडवेज ने 50 से 60 अतिरिक्त बसें लगाई हैं ताकि यात्रियों को कम से कम परेशानी हो।
इस विवाद का सीधा असर यात्रियों पर पड़ा है। कुछ यात्रियों की पहले से की गई बुकिंग कैंसिल कर दी गई है जिससे उनकी यात्रा अधर में लटक गई है। एक पैसेंजर अमन ने बताया कि उसने दो दिन पहले जयपुर से श्रीगंगानगर के लिए टिकट बुक की थी, लेकिन ट्रैवल्स ने सुबह कॉल कर बुकिंग कैंसिल कर दी। ट्रेन में सीट नहीं है और रोडवेज फुल है, ऐसे में आगे जाना मुश्किल हो गया है। ऑटो चालक अख्तर ने बताया कि रोजाना की कमाई 500 से 600 रुपये थी, लेकिन हड़ताल के चलते आज बोहनी तक नहीं हुई। वहीं यात्री कृष्ण मोहन मंडल, जो अपने परिवार के साथ बिहार के दरभंगा से बीकानेर जा रहे थे, उन्हें जयपुर में बस से उतार दिया गया। बस ऑपरेटर ने उन्हें बताया कि आगे हड़ताल है इसलिए बस नहीं जाएगी। अब वे परिवार सहित परेशान हैं कि कैसे आगे का सफर तय करें। हीरापुरा बस स्टैंड को लेकर उठा विवाद अब प्रशासन और प्राइवेट ऑपरेटरों की टकराव की स्थिति में पहुंच गया है। जहां एक ओर प्रशासन सरकार के आदेशों को लागू कराने की कोशिश कर रहा है, वहीं यूनियन इसे दबाव की राजनीति बताते हुए हड़ताल को जारी रखने का ऐलान कर चुकी है।