मुंबई, 08 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल में विश्व फिजियोथेरेपी दिवस पर “हेल्दी एजिंग” थीम के तहत व्याख्यान और जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें राजकीय फिजियोथेरेपी कॉलेज के छात्रों और इंटर्न ने सक्रिय भागीदारी की। छात्रों ने स्किट प्रस्तुत कर हर उम्र में प्रिवेंटिव फिजिकल एक्सरसाइज की अहमियत को सरल तरीके से समझाया। कार्यक्रम में फिजियोथेरेपी के सशक्तिकरण और NCAHP बिल पर भी चर्चा हुई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि MDM अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विकास राजपुरोहित और अस्थि रोग विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ. अरुण वैश्य ने क्विज़ और पोस्टर प्रेजेंटेशन में विजेता टीम को सम्मानित किया। डॉ. विकास ने फिजियोथेरेपी को आधुनिक चिकित्सा का अभिन्न हिस्सा बताते हुए कहा कि रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जुड़ने से इसका महत्व और बढ़ गया है। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि बड़े पद के साथ बड़ी जिम्मेदारी भी आती है और एक अच्छे चिकित्सक को कर्त्तव्यनिष्ठ और विनम्र होना चाहिए।
डॉ. अरुण वैश्य ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि फिजियोथेरेपी को 50% ऑर्थोपेडिक्स कहा जा सकता है। समय रहते जोड़ों की देखभाल और नियमित व्यायाम से उम्र से जुड़े बदलावों को काफी हद तक देर किया जा सकता है। वहीं, राजकीय फिजियोथेरेपी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गोविंद सिंह ने नवाचारों और प्रिवेंटिव एक्सरसाइज बेस्ड प्रोटोकोल की अहमियत पर जोर दिया। इंचार्ज डॉ. सुमित गहलोत ने सभी अतिथियों का धन्यवाद किया। कार्यक्रम में विभाग के फिजियोथैरेपिस्ट डॉ. मनीष मिश्रा, डॉ. स्नेहप्रिया जैन, डॉ. अर्णब चंद्र और डॉ. स्मिता जैमन ने भी योगदान दिया।