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बजरंगबली की पूजा के लिए मंगलवार और शनिवार को क्यों माना जाता है सबसे उत्तम? जानें धार्मिक मान्यताएं

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Posted On:Tuesday, April 15, 2025

भारत में हनुमान जी को केवल एक देवता के रूप में नहीं, बल्कि शक्ति, भक्ति, बुद्धि और निर्भयता के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। उन्हें रामभक्त, संकटमोचन और कलियुग के सबसे सक्रिय और कृपालु देवता माना जाता है। मान्यता है कि हनुमान जी की कृपा से व्यक्ति के जीवन में आने वाली हर तरह की बाधा दूर हो जाती है — चाहे वह मानसिक तनाव हो, शत्रु हो, रोग हो या फिर ग्रह दोष।

हनुमान जी की पूजा विशेषकर मंगलवार और शनिवार को की जाती है, और इसके पीछे धार्मिक और ज्योतिषीय दोनों ही मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। इन दिनों में की गई भक्ति को विशेष फलदायी माना गया है। आइए जानते हैं इस पर ज्योतिषी चिराग दारूवाला की राय और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसका महत्व।

क्यों करते हैं हनुमान जी की पूजा?

हनुमान जी की पूजा करने से भक्त को भय, रोग, कर्ज, शत्रु, मानसिक तनाव और भूत-प्रेत बाधा से मुक्ति मिलती है। विशेष रूप से हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और बजरंग बाण का नियमित पाठ व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा, आत्मविश्वास, साहस और धैर्य उत्पन्न करता है।

उनकी भक्ति व्यक्ति में संयम, सेवा भावना, विनम्रता और दृढ़ संकल्प जैसे गुणों को भी विकसित करती है। मान्यता है कि हनुमान जी को भक्ति और सेवा से जल्दी प्रसन्न किया जा सकता है और वह बिना किसी विलंब के अपने भक्तों के संकट हर लेते हैं।

मंगलवार को हनुमान पूजा का महत्व

ज्योतिष के अनुसार, मंगलवार का संबंध मंगल ग्रह से है, जिसे एक क्रूर ग्रह माना गया है। यह ग्रह ऊर्जा, क्रोध, दुर्घटना और रक्त विकारों से जुड़ा होता है। हनुमान जी को मंगल ग्रह का नियंत्रक माना गया है, इसलिए मंगलवार को उनकी पूजा करने से मंगल दोष, क्रोध, दुर्घटना की आशंका और अन्य नकारात्मक प्रभावों से राहत मिलती है।

मंगलवार शक्ति, ऊर्जा और पराक्रम का दिन भी माना जाता है — और ये सभी गुण हनुमान जी में पूर्ण रूप से विद्यमान हैं। इस दिन उपवास रखने और पूजा करने से मानसिक और शारीरिक संयम की प्राप्ति होती है। हनुमान जी ब्रह्मचारी थे और उनके प्रति श्रद्धा से जुड़ा यह दिन भक्तों को संयमित और अनुशासित बनाता है।

शनिवार को हनुमान पूजा का महत्व

शनिवार का दिन ज्योतिष में शनि ग्रह से जुड़ा है, जिसे कर्म, बाधा और न्याय का प्रतीक माना जाता है। एक प्रसिद्ध पौराणिक कथा के अनुसार, रावण ने शनि देव को बंदी बना लिया था, और हनुमान जी ने उन्हें मुक्त कराया। इससे प्रसन्न होकर शनि देव ने वचन दिया कि वे हनुमान जी के भक्तों को कभी कष्ट नहीं देंगे।

इसलिए शनिवार को हनुमान जी की पूजा करने से शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और शनि दोष से राहत मिलती है। यह दिन उन लोगों के लिए भी खास होता है जो अपने जीवन में बार-बार बाधाओं, रुकावटों और तनाव का सामना कर रहे हैं। शनिवार को सुंदरकांड, हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करने से भक्तों को विशेष फल की प्राप्ति होती है।

निष्कर्ष

हनुमान जी की भक्ति में शक्ति है, और उनका स्मरण ही व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की समस्याओं को दूर कर देता है। विशेषकर मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा करने से न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से लाभ होता है, बल्कि ज्योतिषीय रूप से भी व्यक्ति को कई प्रकार की परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है।

कलियुग में हनुमान जी को 'सजीव देवता' माना जाता है, जिनकी कृपा तुरंत मिलती है। इसलिए यह कहा जाता है कि संकट के समय अगर कोई देवता तुरंत भक्त की पुकार सुनते हैं, तो वह हनुमान जी ही हैं। भक्तिभाव, समर्पण और सेवा से की गई हनुमान पूजा हर संकट को हरने में सक्षम है।


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