काॢतक मास को बहुत शुभ माना जाता है। चतुर्दशी तिथि के दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ की देवुषा की ग्यारस से लेकर कार्तिक की देवउठा की ग्यारस तक भगवान विष्णु पाताल लोक के राजा बलि के यहां योगनिद्रा में निवास करते हैं। जिसके कारण इस अवधि के दौरान भगवान शिव दुनिया पर शासन करते हैं। अब इस चतुर्दशी पर भगवान शिव को तुलसी और भगवान विष्णु को बेलपत्र क्यों चढ़ाया जाता है? जानिए ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से इसके बारे में.
जानिए तुलसी और बेलपत्र चढ़ाने का कारण
कार्तिक माह की एकादशी तिथि को, जब भगवान विष्णु अपनी योग निद्रा से जागते हैं, तो वे संसार का कार्यभार संभालते हैं। इस दिन दोनों देवता एक-दूसरे को उपहार देते हैं। कहा जाता है कि प्रसाद चढ़ाते समय पान के पत्ते भगवान विष्णु पर और तुलसी के पत्ते भगवान शिव पर गिरते हैं। इसी वजह से वैकुंठ चतुर्दशी के दिन भगवान शिव को तुलसी और विष्णु को बेलपत्र चढ़ाया जाता है। इसलिए इस चतुर्दशी का विशेष महत्व है।
भगवान श्री हरि विष्णु और भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करने से उनकी कृपा बनी रहती है और वैकुंठ धाम की प्राप्ति भी होती है। इस दिन भक्त व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और उनकी शोभा यात्रा निकालते हैं। वैकुंठ चतुर्दशी के दिन एक हजार कमल के फूलों से भगवान विष्णु की पूजा करने से विशेष फल मिलता है और इस दिन श्राद्ध करने का विशेष महत्व है।
भगवान विष्णु को 3 बेलपत्र अर्पित करें
वैकुंठ चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु को 3 बेलपत्र चढ़ाएं (भगवान विष्णु मंत्र) और फिर अगले दिन इसे तिजोरी में रखें। माना जाता है कि इससे आर्थिक परेशानियों से राहत मिल सकती है और आय में भी वृद्धि हो सकती है।
भगवान शिव को 4-5 तुलसी के पत्ते अर्पित करें
वैकुंठ चतुर्दशी के दिन भगवान शिव को 4-5 तुलसी के पत्ते चढ़ाएं और तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें 24 घंटे के लिए तुलसी के पत्ते रखें। अगले दिन स्नान के बाद इस जल को मुख्य द्वार सहित पूरे घर में छिड़कें। इससे नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिल सकती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है।
वैकुंठ चतुर्दशी के दिन 14 दीपक जलाएं
बैकुंठ चतुर्दशी के दिन 7 दीपक भगवान शिव के नाम और 7 दीपक भगवान विष्णु के नाम से जलाएं और उनकी पूजा करें। ऐसा करने से आपको कभी भी किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा और सौभाग्य की प्राप्ति होगी।