Aaj ka Panchang 16 October 2025: ज्योषित गणना के अनुसार, १६ अक्टूबर २०२५ का दिन कई महत्वपूर्ण खगोलीय घटनाओं से चिह्नित है। आज राहुकाल और भद्रा का प्रभाव रहेगा, जो शुभ कार्यों के लिए समय को सीमित करेगा। इसके अतिरिक्त, अशुभ 'ज्वालामुखी योग' भी बन रहा है। शास्त्रों में इस योग को हानिकारक बताया गया है, जिसके कारण कुछ राशियों के जातकों को उनके परिश्रम का अपेक्षित फल मिलने में बाधा आ सकती है और कार्य अधूरे रह सकते हैं। पंचांग के अनुसार, आज कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि सुबह १०:३५ बजे तक रहेगी, जिसके बाद एकादशी तिथि का आरंभ होगा। आज गुरुवार होने के कारण दिनभर दक्षिण दिशा में दिशा शूल रहेगा। इन विशिष्ट योगों के कारण दैनिक गतिविधियों की योजना बनाते समय विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
पंचांग- 16.10.2025
युगाब्द - 5126
संवत्सर - सिद्धार्थ
विक्रम संवत् -2082
शाक:- 1947
ऋतु __ शरद
सूर्य __ दक्षिणायन
मास __ कार्तिक
पक्ष __ कृष्ण पक्ष
वार __ गुरुवार
तिथि - दशमी 10:34:54
नक्षत्र आश्लेषा 12:41:10
योग शुभ 26:09:35
करण विष्टि भद्र 10:34:54
करण बव 22:49:07
चन्द्र राशि कर्क till 12:41
चन्द्र राशि सिंह from 12:41
सूर्य राशि - कन्या
🚩🌺 आज विशेष 🌺🚩
👉🏻 गंडमूल अहोरात्र
🍁 अग्रिम पर्वोत्सव 🍁
👉🏻 रमा एकादशी व्रतम्
17/10/25 (शुक्रवार)
👉🏻 धन तेरस/ प्रदोष व्रतम्
18/10/25 (शनिवार)
👉🏻 नरक/ रूप चतुर्दशी
19/10/25 (रविवार)
👉🏻 दीपावली
20/10/25 (सोमवार)
👉🏻 देवपितृ अमावस
21/10/25 (मंगलवार)
👉🏻 अन्नकूट/ गोवर्धन पूजन
22/10/25 (बुधवार)
🕉️🚩 यतो धर्मस्ततो जयः🚩🕉️
|| कठिनाइयों का स्वागत करें ||
कठिनाई आने पर व्यक्ति अकेला अवश्य हो जाता है, लेकिन कठिनाई आने पर अकेला व्यक्ति ही मजबूत भी बन पाता है। कठिनाइयों से ही तो व्यक्ति के आत्मबल का विस्तार संभव हो पाता है। जब तक जीवन में हमारा सामना कठिनाइयों से नहीं होता है, तब तक हमारे आत्मबल का विकास भी नहीं हो पाता है। कठिनाइयों का सामना करने से डरना ही किसी के कमजोर आत्मबल को दर्शाता है। आत्मबल का दूसरा नाम ही साहस है। जो व्यक्ति जितना साहसी होगा वह उतना ही आत्मबल सम्पन्न भी होगा। बिना साहस के लड़ा गया जीवन संग्राम समय से पहले हमारी हार को सुनिश्चित करता है क्योंकि कोई भी संग्राम केवल शस्त्र के बल पर नहीं अपितु साहस के बल पर ही जीता जाता है। दुनिया कभी अकेला छोड़ दे तो समझ लेना कि जीवन अब हमको मजबूत बनाना चाहता है।
जय जय श्री सीताराम 👏
जय जय श्री ठाकुर जी की👏
(जानकारी अच्छी लगे तो अपने इष्ट मित्रों को जन हितार्थ अवश्य प्रेषित करें।)
ज्यो.पं.पवन भारद्वाज(मिश्रा) व्याकरणज्योतिषाचार्य
राज पंडित-श्री राधा गोपाल मंदिर (जयपुर)