Aaj Ka Panchang 7 November 2025: रोहिणी नक्षत्र में मनाया जाने वाला रोहिणी व्रत जैन धर्मावलंबियों के लिए विशेष महत्व रखता है। महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और परिवार की खुशहाली के लिए यह व्रत रखती हैं। हालाँकि, यह व्रत केवल एक बार नहीं, बल्कि 3, 5 या 7 वर्षों तक किया जाना चाहिए। द्रुक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष रोहिणी व्रत 7 नवंबर 2025, शुक्रवार को देवी लक्ष्मी को समर्पित है।
आज का रोहिणी व्रत: पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए
रोहिणी व्रत जैन समुदाय के बीच विशेष रूप से प्रचलित है और इसे महिलाएं अपने पति की दीर्घायु, परिवार की सुख-शांति और समृद्धि के लिए रखती हैं। यह व्रत हर उस दिन मनाया जाता है जब सूर्योदय के बाद रोहिणी नक्षत्र उदित होता है।
पूजा विधि और महत्व:
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व्रतधारी सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करते हैं।
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जैन परंपरा के अनुसार, इस दिन भगवान वासुपूज्य स्वामी जी की प्रतिमा स्थापित कर उन्हें फल, फूल, धूप और नैवेद्य अर्पित किया जाता है।
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यह व्रत मुख्यतः रोहिणी नक्षत्र के समाप्त होने तक चलता है।
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मान्यता है कि इस व्रत को 3, 5, या 7 वर्षों तक लगातार करने से व्यक्ति के जीवन से सभी कष्ट और दरिद्रता दूर हो जाती है।
चूंकि आज शुक्रवार का दिन है, इसलिए रोहिणी व्रत के साथ-साथ मां लक्ष्मी की पूजा का विधान भी बेहद शुभकारी माना जा रहा है।
7 नवंबर 2025 का विस्तृत पंचांग
मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि आज शुभ-अशुभ काल के साथ विभिन्न योगों का निर्माण कर रही है।
| विवरण |
गणना/समय |
| मास/पक्ष |
मार्गशीर्ष (कृष्ण पक्ष) |
| तिथि |
द्वितीया (प्रातः 11:05 बजे तक, उसके बाद तृतीया) |
| दिन |
शुक्रवार |
| नक्षत्र |
रोहिणी (रात्रि 12:33 बजे तक, उसके बाद मृगशिरा) |
| योग |
परिघ (रात्रि 10:27 बजे तक, उसके बाद शिव) |
| करण |
गर/वणिज |
| चन्द्र राशि |
वृषभ |
सूर्योदय और 🌙 चंद्रोदय का समय
| विवरण |
समय |
| सूर्योदय |
प्रातः 06 बजकर 37 मिनट |
| सूर्यास्त |
सायं 05 बजकर 32 मिनट |
| चन्द्रोदय |
सायं 06 बजकर 55 मिनट |
| चन्द्रास्त |
अगले दिन प्रातः 08 बजकर 37 मिनट |
शुभ और अशुभ मुहूर्त
| मुहूर्त |
समय |
महत्व |
| राहुकाल (अशुभ) |
प्रातः 10 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 05 मिनट तक |
इस काल में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करना वर्जित है। |
| अभिजीत मुहूर्त (शुभ) |
प्रातः 11 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 26 मिनट तक |
यह दिन का सबसे शुभ समय माना जाता है। |
| ब्रह्म मुहूर्त (शुभ) |
प्रातः 04 बजकर 53 मिनट से 05 बजकर 45 मिनट तक |
ध्यान और पूजा-पाठ के लिए सर्वश्रेष्ठ समय। |
मां लक्ष्मी की विशेष कृपा का दिन
चूँकि आज शुक्रवार है, यह दिन धन और वैभव के कारक शुक्र ग्रह और उनकी अधिष्ठात्री देवी मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। रोहिणी नक्षत्र का संयोग इस दिन को और भी अधिक फलदायी बना रहा है। आज के दिन भक्त 'श्री सूक्त' का पाठ करके, गज पर सवार मां लक्ष्मी की पूजा करके और उन्हें खीर, मालपुए या अन्य मिष्ठान का भोग लगाकर उनकी विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं। आज का यह शुभ संयोग व्रत, पूजा और दान-पुण्य के माध्यम से जीवन में सुख, शांति और आर्थिक समृद्धि लाने वाला है।