हिंदू धर्म में किसी भी घर में पूजा घर या पूजा स्थल को सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार यह सकारात्मक ऊर्जा का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत है। देवी-देवताओं का यह पूजा स्थल परिवार के सदस्यों के लिए आस्था और शांति का स्रोत होने के साथ-साथ घर का आध्यात्मिक केंद्र भी है। हिंदू धर्म में पूजा घर में रखी हर वस्तु का अपना-अपना महत्व और मतलब होता है। इन्हीं महत्वपूर्ण वस्तुओं में से एक है पानी का कंटेनर।
जल पात्र क्यों महत्वपूर्ण है?
हिंदू धर्म में जल को पवित्र माना जाता है। जब पानी का पात्र हमेशा पानी से भरा रहता है तो इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि जब भगवान को प्यास लगती है तो वह मटके से जल ग्रहण करते हैं और भक्तों को आशीर्वाद देते हैं।
खाली पानी के बर्तन का प्रभाव
चांदी, तांबा, कांसे या पीतल के जल पात्र सर्वोत्तम माने गए हैं।
धार्मिक ग्रंथों और वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा घर का जल पात्र कभी खाली नहीं रखना चाहिए। खाली पानी का बर्तन अशुभ माना जाता है और यह घर में कई समस्याओं का कारण बन सकता है। ऐसा कहा जाता है कि जब भगवान को प्यास लगती है और उन्हें पात्र में पानी नहीं मिलता तो वे क्रोधित हो जाते हैं और उस घर को त्याग देते हैं। इससे घर में कई परेशानियां उत्पन्न होती हैं।
आर्थिक तंगी: पानी की टंकी खाली होने से घर में पैसों की कमी हो सकती है। आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है और धन हानि हो सकती है।
नकारात्मक ऊर्जा: पानी का खाली बर्तन नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। इससे घर में तनाव, कलह और बीमारियाँ बढ़ सकती हैं।
देवी-देवताओं का क्रोध: मान्यता है कि जब भगवान को जल चढ़ाने के लिए जल नहीं मिलता तो वे क्रोधित हो जाते हैं। इससे परिवार के सदस्यों पर दुर्भाग्य का साया पड़ सकता है।
पानी के बर्तन में क्या रखें?
गंगाजल: गंगाजल को सबसे पवित्र माना जाता है। जल के पात्र में गंगा जल भरना शुभ होता है।
सादा पानी : यदि गंगाजल उपलब्ध न हो तो सादा पानी भी रखा जा सकता है।
तुलसी का पत्ता: तुलसी का पत्ता भी पवित्र माना जाता है। पानी के बर्तन में तुलसी का पत्ता रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
इस दिशा में रखें जल का पात्र
पूजा घर का जलपात्र न केवल एक धार्मिक प्रतीक है बल्कि वास्तु शास्त्र के अनुसार भी यह बहुत महत्वपूर्ण है। जल का पात्र हमेशा भरा रखने से घर में शांति और समृद्धि बनी रहती है। इसलिए पूजा करते समय लोटे में पानी भरना न भूलें। जल का पात्र हमेशा पूजा घर की पूर्व या उत्तर दिशा में रखें। पानी के कंटेनर को भी साफ रखें।