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Paush Amavasya 2022: कुंडली में है कालसर्प दोष तो पौष अमावस्या पर करें ये काम, दूर होंगे सारे दुख

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Posted On:Tuesday, November 22, 2022

कुछ ही दिनों में साल का आखिरी महीना शुरू हो जाएगा। साल की आखिरी अमावस्या भी इसी महीने में पड़ रही है। इस अमावस्या को पौष अमावस्या भी कहा जाता है। दरअसल इसी अमावस्या से कृष्ण पक्ष का भी समापन होता है। वैसे तो अमावस्या के दिन कई तरह के तंत्र-मंत्र भी किए जाते हैं, लेकिन पौष अमावस्या विशेष रूप से पितरों की आत्मा की शांति के लिए होती है। इस दिन भी श्राद्ध करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि,  इसके अलावा जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष है उन्हें इस दिन पौष अमावस्या का व्रत जरूर करना चाहिए। इससे उनका कालसर्प दोष का प्रभाव काफी हद तक समाप्त हो जाता है। इसके अलावा पौष अमावस्या पर सूर्य देव को जल जरूर चढ़ाएं। आइए जानते हैं पौष अमावस्या का क्या महत्व है, क्या है पूजा विधि, इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं, शुभ फल सिद्ध करने के लिए क्या उपाय करने चाहिए।

पौष अमावस्या कब है, क्या है मुहूर्त।
पौष अमावस्या 22 दिसंबर 2022 को शाम 07:13 बजे से शुरू होकर 23 दिसंबर 2022 शुक्रवार को दोपहर 03:46 बजे तक रहेगी।

पौष अमावस्या का क्या महत्व है?
पौष अमावस्या के दिन पितरों की शांति के लिए व्रत रखने की मान्यता है। इस दिन पितरों की पूजा करने से पितर बहुत प्रसन्न होते हैं और उनसे आने वाले भविष्य के लिए मंगल कामना करते हैं। वहीं दूसरी ओर आज के दिन आपको सूर्य देव को अर्घ्य जरूर देना चाहिए, इससे आपके सभी बिगड़े काम दूर होंगे और आपके सभी दोषों से मुक्ति मिलेगी।

पौष अमावस्या का पूजन विधि क्या है?
इस दिन सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त (शाम 4-5 बजे का समय) में स्नान करें। फिर सूर्य देव को गुड़ और जल से अर्घ्य दें। इस दिन पितरों की मुक्ति के लिए व्रत अवश्य रखना चाहिए। शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाएं और पितरों के नाम से तुलसी मां की परिक्रमा करें।

पौष अमावस्या के दिन क्या करना चाहिए?
- तांबे या पीतल के कलश में गंगाजल और गुड़ डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें।
- पितरों का प्रिय भोजन बनाएं फिर गौ माता, कुत्ते और कौओं को पहले भोजन कराएं।
- शाम के समय पितरों का नाम लेकर घी का दीपक जलाएं।
- इस दिन जरूरतमंदों को दान करें।
- इस दिन विष्णु सहस्रनाम का 108 बार जाप करें।
- यदि आपकी कुंडली में पितृदोष है या आपके धन में वृद्धि नहीं हो रही है तो आपको पौष अमावस्या के दिन भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए।

पौष अमावस्या के दिन क्या नहीं करना चाहिए?
- इस दिन क्रोध से बचना चाहिए.
- धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें।
- शाम को सोने से परहेज करें।
- नमक, तेल और लोहा दान करने से बचें।
- पौष अमावस्या के दिन जितना कम बोलेंगे उतना ही लाभ होगा.


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