विंड एनर्जी सॉल्यूशंस प्रदान करने वाली प्रमुख कंपनी, सुजलॉन एनर्जी (Suzlon Energy) के शेयर में पिछले कुछ समय से आई सुस्ती निवेशकों के लिए चिंता का विषय रही है. यह शेयर पिछले एक महीने में 9% और एक साल में 22% तक टूट चुका है. हालांकि, अब ब्रोकरेज फर्मों ने इस एनर्जी स्टॉक में एक बार फिर से तेज उछाल आने की भविष्यवाणी की है.
बाजार के दिग्गज ब्रोकरेज मोतीलाल ओसवाल और मॉर्गन स्टेनली ने सुजलॉन एनर्जी के शेयर को 'बाय' (Buy) रेटिंग दी है, जिससे इसमें नई जान आने की उम्मीद जगी है.
ब्रोकरेज का मजबूत भरोसा और उच्च टारगेट
सुजलॉन एनर्जी की कवरेज करने वाले 9 ब्रोकरेज में से आठ ने निवेशकों को इस शेयर को खरीदने की सलाह दी है, जबकि केवल एक ने 'होल्ड' रेटिंग दी है.
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औसतन टारगेट प्राइस: सभी ब्रोकरेज फर्मों का औसतन टारगेट प्राइस शेयर के मौजूदा मूल्य से लगभग 43 फीसदी ज्यादा है.
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वर्तमान मूल्य: आज, सोमवार (8 दिसंबर) को सुजलॉन का शेयर NSE पर करीब एक फीसदी की तेजी के साथ ₹52.22 पर कारोबार कर रहा है.
मोतीलाल ओसवाल ने दिया ₹74 का टारगेट
ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने हाल ही में कंपनी की एनालिस्ट मीट के बाद सुजलॉन के शेयर पर अपनी 'Buy' रेटिंग को बरकरार रखा है.
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वैल्यूएशन: मोतीलाल ओसवाल ने सुजलॉन एनर्जी के शेयर का मूल्यांकन वित्त वर्ष 2028 के अनुमानित EPS (अर्निंग प्रति शेयर) के 30 गुना पर किया है. यह मूल्यांकन इसके दो साल आगे के ऐतिहासिक औसत वैल्यूएशन (27 गुना) के करीब है.
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टारगेट प्राइस: ब्रोकरेज ने सुजलॉन शेयर के लिए ₹74 का मजबूत टारगेट प्राइस दिया है. यह टारगेट इसके पिछले बंद भाव से लगभग 43% की संभावित तेजी को दर्शाता है.
मैनेजमेंट का रोडमैप और मजबूत डिमांड
सुजलॉन एनर्जी ने 4 और 5 दिसंबर को 'मैन्युफैक्चरिंग डे' आयोजित किया था, जहां कंपनी के मैनेजमेंट ने निवेशकों और मार्केट एनालिस्ट्स को अपने भविष्य के रोडमैप और ग्रोथ की जानकारी दी.
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ऑर्डर फ्लो: कंपनी ने स्पष्ट किया कि सेंट्रल रिन्यूएबल एनर्जी सेगमेंट में हालिया सुस्ती का उसके निकट भविष्य के ऑर्डर फ्लो पर सीमित असर पड़ेगा.
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डिमांड के संकेत: सुजलॉन के अनुसार, लगभग 15 गीगावाट के विंड ऑर्डर अभी भी बिडिंग या अवॉर्डिंग स्टेज में हैं, जो बाजार में मजबूत मांग के बने रहने का स्पष्ट संकेत है.
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भारत का लक्ष्य: सुजलॉन एनर्जी का मानना है कि भारत का हर साल 10 GW पवन ऊर्जा लगाने का लक्ष्य वित्त वर्ष 2028 तक पूरा होने की पूरी उम्मीद है.
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भविष्य की संभावनाएं: AI, डेटा सेंटरों की बढ़ती बिजली की जरूरतें, और कमर्शियल व इंडस्ट्रियल सेक्टर (C&I) की बढ़ती मांग भारत के 2030 तक 100 GW विंड एनर्जी टारगेट को हासिल करने में बड़ा अवसर प्रदान करती है.