ताजा खबर
Bisalpur Dam : जयपुर को आज मिली सबसे बड़ी खुशखबरी! बीसलपुर बांध में पानी भरने का आज तक का रिकॉर्ड टूट...   ||    अरविंद केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई : अदालत आबकारी नीति मामले में सीबीआई के खिलाफ दिल्ली के मुख...   ||    सीपीएल 2024: तेजतर्रार निकोलस पूरन ने तोड़ा क्रिस गेल का रिकॉर्ड!   ||    Bengal Bandh Today Live News: बीजेपी का 12 घंटे के लिए बंगाल बंद; सरकारी कर्मचारियों को ममता का निर्...   ||    Janmashtami Vrat Katha: वीडियो में देखें भगवान विष्णु ने आधी रात में क्यों लिया कृष्णावतार, जानें जन...   ||    इस महाराजा ने 50,000 रुपए में खरीदी थी विदेशी बीवी, लेकिन शादी में आई ये अड़चन, यहां पढ़े अजब प्रेम ...   ||    Petrol Diesel Price Today: राजस्थान के इस शहर में आज इतना सस्ता हुआ पेट्रोल और डीजल, आपके यहां क्या ...   ||    पूर्व PM इंदिरा गांधी की रिहाई के लिए प्लेन हाईजैक करने वाले भोलानाथ पांडेय का निधन, जानिए अनसुना कि...   ||    कोलकाता रेप-मर्डर केस-11 दिन बाद AIIMS डॉक्टरों की हड़ताल खत्म:CJI ने कहा था काम पर लौट आएं, राज्य सर...   ||    क्या जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए हाथ मिलाएंगे नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस? राहुल गांधी के दौ...   ||   

Diwali 2023 क्या आप जानते हैं, क्यों दिवाली पूजा में माता लक्ष्मी की आरती नहीं की जाती ? कारण जानकर चौंक जाएंगे आप

Photo Source :

Posted On:Sunday, November 12, 2023

दिवाली का त्योहार हर साल कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाता है। इस साल दिवाली 12 नवंबर, रविवार को मनाई जाएगी। जहां एक ओर दिवाली का धार्मिक रूप से बहुत महत्व माना जाता है, वहीं दूसरी ओर अमावस्या तिथि के दिन पड़ने के कारण ज्योतिष शास्त्र में भी इसका विशेष स्थान है। दिवाली के दिन देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने की परंपरा है। दिवाली पूजा के दौरान लक्ष्मी-गणेश की पूजा करने से घर में साल भर बरकत बनी रहती है। दिवाली पूजा से जुड़ी एक मान्यता यह भी है कि इस दिन देवी लक्ष्मी की आरती नहीं करनी चाहिए। इस बारे में जानते हैं ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स।

दिवाली पर क्यों नहीं करते मां लक्ष्मी की आरती?

  • पूजा-पाठ, हवन-यज्ञ, शुभ कार्य आदि में आरती को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। आरती (आरती करने के नियम) के बिना धार्मिक कार्य पूरे नहीं होते हैं।
  • हिंदू धर्म में नियम है कि जब किसी देवता का आह्वान किया जाता है तो शंख बजाया जाता है और फूल चढ़ाए जाते हैं।
  • वहीं, जब किसी देवी-देवता की पूजा पूरी हो जाती है तो उन्हें भोग लगाकर आरती की जाती है।
  • आरती हमेशा पूजा के अंत में की जाती है। इसलिए आरती इस बात का प्रतीक है कि पूजा समाप्त हो गई है और देवता चले गए हैं।
  • मेहमान के जाते ही हम खड़े हो जाते हैं. इसी प्रकार खड़े होकर आरती की जाती है। फिर देवी-देवता चले जाते हैं।
  • दिवाली से जुड़ी एक मान्यता यह भी है कि देवी लक्ष्मी-गणेश की पूजा के बाद उनकी मूर्ति घर में रखनी चाहिए और पूरे साल उनकी पूजा करनी चाहिए।
  • फिर अगले वर्ष लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति का विसर्जन करना चाहिए। इससे दिवाली के बाद पूरे साल घर पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। ऐसे में अगर दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की आरती की जाए तो यह इस बात का प्रतीक है कि मां लक्ष्मी घर छोड़कर चली गई हैं.


भोपाल और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. Bhopalvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.