पाकिस्तान के बीच हालात इस समय बहुत ही गंभीर हो गए हैं। पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 भारतीय नागरिकों की हत्या के बाद भारत ने पाकिस्तान से बदला लेने की ठान ली। भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में एयर स्ट्राइक करके आतंकवादियों के 9 ठिकानों को निशाना बनाया। इस हमले में 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए। इसके बाद की एक तस्वीर में पाकिस्तान सरकार के नेता, सेना के जवान और अमेरिका में आतंकवादी घोषित अब्दुल राउफ को आतंकियों के जनाजे में कलमा पढ़ते हुए देखा गया। इस घटना ने पाकिस्तान को बुरी तरह से झकझोर दिया, और पाकिस्तान ने दो दिन से नियंत्रण रेखा (LOC) पर फायरिंग शुरू कर दी है। भारत ने भी पाकिस्तान के इस हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया है, और कराची तक मिसाइलें दागकर तबाही मचाई।
अब सवाल यह उठता है कि क्या यह बढ़ता तनाव जंग का रूप ले सकता है? क्या भारत की एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान जवाबी हमला करेगा? आइए जानते हैं इस बढ़ते तनाव के 4 प्रमुख सवालों और उनके संभावित उत्तरों के बारे में।
1. क्या एयर स्ट्राइक भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष भड़कने का संकेत है?
पिछले कुछ सालों में भारत और पाकिस्तान के बीच आतंकवाद के खिलाफ कई सैन्य कार्रवाइयाँ हुई हैं। 2016 में उरी में आतंकी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक, 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक, और अब पहलगाम हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर। इन घटनाओं से दोनों देशों के बीच संघर्ष और तनाव लगातार बढ़ता गया है।
भारत ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान को सबक सिखाने का प्रण लिया था, और ऑपरेशन सिंदूर के तहत उसने पाकिस्तान और POK में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। भारत के इस आक्रामक कदम ने दोनों देशों के बीच रिश्तों में और भी कड़वाहट पैदा कर दी है। पाकिस्तान ने भी भारत की इस कार्रवाई का विरोध किया है और अपने आक्रमक कदमों का ऐलान किया है। इसलिए, यह कहा जा सकता है कि भारत की एयर स्ट्राइक ने निश्चित रूप से दोनों देशों के बीच संघर्ष को और तेज कर दिया है।
2. क्या हालात बड़े संघर्ष में तब्दील होंगे?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान का जवाबी हमला आना तय है। पाकिस्तान ने अपनी सैन्य तैयारियों को तेज किया है और LOC पर फायरिंग शुरू कर दी है। इसके अलावा, भारत ने भी पाकिस्तान के हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया है, जिससे तनाव और बढ़ गया है।
हालांकि, भारत ने सिर्फ आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया है, लेकिन पाकिस्तान को यह यह कदम आक्रामक और गंभीर प्रतीत हो सकता है। पाकिस्तान के खिलाफ भारत ने अपने सभी रिश्ते लगभग तोड़ दिए हैं, और यह स्थिति 2002 के भारत-पाकिस्तान के बीच सबसे खतरनाक हालातों के समान है। ऐसे में, अगर दोनों देश अपनी सैन्य कार्रवाइयों को आगे बढ़ाते हैं, तो यह एक बड़े संघर्ष का रूप ले सकता है।
3. क्या पाकिस्तान निश्चित ही जवाबी कार्रवाई करेगा?
पाकिस्तान का आक्रामक रुख इस बात का संकेत देता है कि वह भारत के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करेगा। पाकिस्तान को घरेलू दबाव का सामना भी करना पड़ रहा है, क्योंकि उसे अपनी जनता को यह दिखाना है कि वह भारत की कार्रवाई का जवाब दे रहा है। भारत ने जब से यह घोषणा की थी कि वह पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देगा, तब से पाकिस्तान की सरकार को खुद को मजबूती से पेश करना पड़ा है।
भारत की एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने यह स्पष्ट किया है कि वह भारत की कार्रवाई का बदला जरूर लेगा। पाकिस्तान की सरकार को यह संदेश भेजना जरूरी है कि वह आतंकवादियों का समर्थन नहीं करेगा, और यदि उसने ऐसा किया, तो भारत अपनी सैन्य कार्रवाई को और बढ़ा सकता है।
4. क्या भारत-पाकिस्तान संघर्ष की राह छोड़ेंगे?
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव 2019 के पुलवामा आतंकी हमले के बाद और बढ़ा था। तब भारत ने पाकिस्तान के साथ व्यापारिक रिश्ते तोड़े थे, पाकिस्तानी वीजा रद्द किए थे, सिंधु जल संधि तोड़ी थी, और पाकिस्तान से आयात-निर्यात पर रोक लगा दी थी। अब पहलगाम आतंकी हमले के बाद, भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं, जिनमें सीमा पर स्थित भारतीय सैन्य ठिकानों पर भी हमले किए जा सकते हैं।
भारत ने जो ठोस कदम उठाए हैं, जैसे पाकिस्तान से व्यापारिक रिश्ते तोड़ना, वीजा रद्द करना और एयर स्ट्राइक करना, वह बताता है कि अब दोनों देशों के बीच कोई सामान्य संबंध नहीं बचेंगे। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति इस समय बहुत नाजुक है। भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष की राह छोड़ना और शांति की ओर बढ़ना अब दोनों देशों के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकता है।
निष्कर्ष:
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। पाकिस्तान की ओर से होने वाले जवाबी हमले और भारत की आक्रामक रणनीति के बाद, दोनों देशों के बीच स्थिति और भी बिगड़ सकती है। हालांकि, दुनिया भर के देशों ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है, लेकिन यह देखना होगा कि क्या दोनों देश एक कदम पीछे हटते हैं, या फिर यह तनाव जंग का रूप लेता है।