प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पांच देशों की विदेश यात्रा के पहले चरण में घाना की राजधानी अक्रा पहुंचकर वहां के राष्ट्रपति जॉन महामा से मुलाकात की। यह दौरा भारत और घाना के बीच की पहली द्विपक्षीय उच्चस्तरीय यात्रा है, जिससे दोनों देशों के बीच रणनीतिक और आर्थिक संबंधों को नई गति मिलने की उम्मीद है।
✈️ अक्रा में शानदार स्वागत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अक्रा पहुंचने पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर और 21 तोपों की सलामी दी गई। यह घाना सरकार द्वारा दिए जाने वाले सर्वोच्च सैन्य सम्मान में से एक है। उनके स्वागत में घाना के स्थानीय कलाकारों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया, जिसमें भारत और घाना के सांस्कृतिक संबंधों की झलक साफ दिखी।
प्रधानमंत्री का स्वागत घाना में रहने वाले भारतीय प्रवासियों ने भी बड़े गर्मजोशी से किया। कई लोगों ने प्रधानमंत्री से बातचीत की और भारत की तरफ से हो रहे योगदान पर आभार प्रकट किया।
☮️ आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ाई
पीएम मोदी और राष्ट्रपति महामा के बीच हुई संयुक्त बैठक में क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की गई। इस दौरान आतंकवाद, अंतरराष्ट्रीय अस्थिरता और शांति-स्थापना जैसे गंभीर विषयों पर विचार हुआ।
पीएम मोदी ने कहा:
"भारत और घाना इस बात पर सहमत हैं कि आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन है। हमने आतंक के खिलाफ मिलकर लड़ने के लिए सहयोग को और मजबूत करने का फैसला किया है।"
उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा दौर संघर्ष नहीं, संवाद का है। पश्चिम एशिया और यूरोप में जारी युद्धों के संदर्भ में मोदी ने कहा कि इन समस्याओं का समाधान केवल बातचीत और कूटनीति से निकाला जा सकता है।
भारत-घाना व्यापार संबंधों में विस्तार
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि भारत और घाना के बीच द्विपक्षीय व्यापार ने 3 बिलियन डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया है। यह व्यापार कृषि, फार्मा, आईटी, इंफ्रास्ट्रक्चर और मिनरल जैसे कई क्षेत्रों में हो रहा है।
उन्होंने बताया:
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भारत की कंपनियों ने घाना में 900 परियोजनाओं में करीब 2 बिलियन डॉलर का निवेश किया है।
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दोनों देशों ने मिलकर अगले 5 वर्षों में व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है।
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प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि फिनटेक क्षेत्र में भारत अपने यूपीआई डिजिटल भुगतान सिस्टम को घाना के साथ साझा करेगा, जिससे घाना की डिजिटल इकॉनमी को मजबूती मिलेगी
विकास में भागीदारी: घाना का राष्ट्र निर्माण
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत घाना के राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में एक सहयोगी नहीं बल्कि सहयात्री की भूमिका निभा रहा है। उन्होंने इस दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य, रेलवे, कृषि और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भारत द्वारा किए गए योगदान की चर्चा की।
घाना में भारत द्वारा स्थापित तकनीकी और स्किल डेवलपमेंट केंद्रों की सफलता को भी सराहा गया। दोनों देशों ने इस बात पर भी सहमति जताई कि आने वाले समय में हरित ऊर्जा, वेस्ट मैनेजमेंट और क्लाइमेट चेंज से जुड़े प्रोजेक्ट्स में मिलकर काम करेंगे।
संयुक्त राष्ट्र में सहयोग और सुधार की मांग
भारत और घाना ने संयुक्त राष्ट्र में सुधार की जरूरत पर बल दिया। दोनों देश इस बात पर सहमत हैं कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जैसी संस्थाओं में विकासशील देशों की उचित भागीदारी होनी चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि भारत और घाना के विचार इस विषय पर काफी समान हैं और यह सहयोग वैश्विक मंचों पर भी जारी रहेगा।
निष्कर्ष: भारत-अफ्रीका साझेदारी को नई दिशा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह ऐतिहासिक यात्रा भारत और अफ्रीका के संबंधों को नई ऊर्जा देने वाली है। घाना जैसे लोकतांत्रिक, संसाधन-समृद्ध देश के साथ मजबूत सहयोग भारत के वैश्विक रणनीतिक लक्ष्यों को भी बल देगा। मोदी की यह यात्रा न सिर्फ राजनयिक रिश्तों की मजबूती का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि भारत विकासशील देशों के साथ मिलकर वैश्विक समस्याओं का समाधान खोजने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।