बुधवार देर रात ताजिकिस्तान के खतलोन क्षेत्र में अफगानिस्तान की ओर से लॉन्च किए गए एक ड्रोन हमले में तीन चीनी श्रमिकों की मौत हो गई। ताजिकिस्तान ने इस गंभीर घटना के बाद काबुल में अस्थायी तालिबान प्रशासन से अपील की है कि वे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करें।
हमले का निशाना और तरीका
हमले का निशाना LLC Shohin SM कंपनी के कर्मचारियों का एक कैंप था, जो Yol बॉर्डर डिटैचमेंट, 1st बॉर्डर गार्ड पोस्ट इस्तीकलाल के पास स्थित है।
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हमलावर: ग्रेनेड और हथियारों से लैस एक अनमैनड एरियल व्हीकल (ड्रोन)।
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प्रभाव: ताजिक विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि इस ड्रोन हमले में कंपनी में काम करने वाले तीन चीनी नागरिकों की जान चली गई।
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कंपनी: LLC Shohin SM एक निजी सोने की खदान (private gold-mining company) है, जो ताजिकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा के पास, शम्सिद्दीन शोहिन जिले में काम करती है।
ताजिकिस्तान में चीनी कंपनियां, विशेष रूप से खनन और प्राकृतिक संसाधन क्षेत्रों में, अक्सर पहाड़ी सीमावर्ती क्षेत्रों में काम करती हैं। यह क्षेत्र दोनों देशों के बीच लगभग 1,350 किलोमीटर तक फैला हुआ है।
ज़िम्मेदार किसे ठहराया गया और अंतर्राष्ट्रीय दबाव
ताजिक विदेश मंत्रालय ने इस हमले के लिए अफगानिस्तान के अंदर सक्रिय ‘आपराधिक समूहों’ को जिम्मेदार ठहराया है। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब तालिबान प्रशासन पहले से ही अंतर्राष्ट्रीय दबाव में है:
यह ड्रोन हमला दर्शाता है कि अफगानिस्तान की अस्थिर सीमाएँ और वहाँ सक्रिय समूह पड़ोसी देशों के लिए एक बड़ा सुरक्षा खतरा बने हुए हैं।
ताजिकिस्तान की अपील और सुरक्षा चिंताएँ
दुशांबे (ताजिकिस्तान की राजधानी) ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और अफगान तालिबान प्रशासन से सार्वभौमिक उपाय करने की अपील की है, ताकि सीमा के साथ स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
यह क्षेत्र पहले भी तनाव का गवाह रहा है:
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पिछले साल भी अफगान सीमा के पास हुए एक हमले में एक चीनी श्रमिक की मौत हुई थी।
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एक हफ्ते पहले, ताजिकिस्तान ने भी ड्रोन का इस्तेमाल कर दो कथित अफगान ड्रग तस्करों को मार गिराया था।
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अगस्त में, ताजिक सुरक्षा गार्ड और अफगानिस्तान की सत्तारूढ़ तालिबान सेना के बीच गोलीबारी की घटना हुई थी।
यह हमला सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (CSTO) की बैठक से ठीक पहले हुआ। रूस, बेलारूस, कज़ाखस्तान, किर्गिज़स्तान और ताजिकिस्तान के नेताओं ने यह शिखर सम्मेलन किर्गिज़स्तान के बिश्केक में आयोजित किया था। ताजिकिस्तान अपनी लंबी अफ़ग़ान सीमा को सुरक्षित करने के लिए CSTO से लगातार अधिक मदद की मांग करता रहा है।