एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए हाई-वोल्टेज क्रिकेट मुकाबले के बाद 'नो हैंडशेक कंट्रोवर्सी' ने जोर पकड़ लिया है। उस मैच के अंत में भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया था, जो खेल भावना के विपरीत माना गया। यह मुद्दा अब केवल क्रिकेट तक सीमित नहीं रह गया है — इसकी गूंज अब अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स के मंच तक पहुंच चुकी है।
अब एथलेटिक्स में आमने-सामने होंगे भारत और पाकिस्तान
17 और 18 सितंबर 2025 को होने वाली वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में एक और बड़ा भारत-पाकिस्तान मुकाबला देखने को मिलेगा। इस बार मैदान क्रिकेट का नहीं, बल्कि जेवलिन थ्रो का होगा। भारत के गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा और पाकिस्तान के स्टार थ्रोअर अरशद नदीम आमने-सामने होंगे।
ओलंपिक के बाद पहली बार ये दोनों दिग्गज एक ही प्रतियोगिता में भाग लेने वाले हैं। हालांकि, इस बार खेल से ज्यादा चर्चा इस बात की हो रही है कि क्या नीरज चोपड़ा और अरशद नदीम हाथ मिलाएंगे या नहीं।
नीरज पर बना दबाव: हाथ मिलाएं या दूरी बनाएं?
एशिया कप के 'नो हैंडशेक' विवाद के बाद अब नज़रें नीरज चोपड़ा पर टिक गई हैं। सोशल मीडिया और खेल विशेषज्ञों के बीच इस बात को लेकर बहस तेज है कि क्या चोपड़ा को अरशद नदीम से दूरी बनाए रखनी चाहिए, या फिर खेल भावना दिखाते हुए हाथ मिलाना चाहिए।
नीरज अब तक राजनीति और विवादों से दूरी बनाए रखते आए हैं, लेकिन इस बार दबाव असाधारण है, क्योंकि मामला भारत-पाकिस्तान रिश्तों और हालिया आतंकी घटनाओं से भी जुड़ता है।
जुलाई में भी दिखा था तनाव
5 जुलाई को बेंगलुरु में नीरज चोपड़ा क्लासिक इवेंट हुआ था, जिसमें अरशद नदीम को आमंत्रित नहीं किया गया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के कारण नीरज चोपड़ा और आयोजकों ने पाकिस्तान के किसी भी एथलीट को आमंत्रित नहीं किया।
हालांकि, दोनों खिलाड़ियों के बीच व्यक्तिगत स्तर पर रिश्ते अच्छे माने जाते हैं। नीरज और अरशद कई बार एक-दूसरे की तारीफ कर चुके हैं और ओलंपिक जैसे मंच पर भी उनकी खेल भावना को सराहा गया है।
वर्ल्ड चैंपियनशिप में मुकाबला रोमांचक होगा
17 सितंबर को वर्ल्ड चैंपियनशिप में क्वालिफिकेशन राउंड होगा, जबकि 18 सितंबर को फाइनल खेला जाएगा। इस इवेंट में केवल नीरज और अरशद ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के टॉप जैवलिन थ्रोअर भी हिस्सा ले रहे हैं। लेकिन भारतीय और पाकिस्तानी खिलाड़ियों के बीच का मुकाबला खासतौर पर हाईलाइट में रहेगा।
टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीता था, जबकि अरशद नदीम फाइनल में पांचवें स्थान पर रहे थे। लेकिन इसके बाद नदीम ने भी कॉमनवेल्थ गेम्स में शानदार प्रदर्शन करके गोल्ड अपने नाम किया।
खेल भावना होगी असली जीत
इस बार मुकाबला सिर्फ थ्रो की दूरी का नहीं, बल्कि खेल भावना और पेशेवर गरिमा का भी होगा। नीरज चोपड़ा जैसे खिलाड़ी से उम्मीद की जाती है कि वे राजनीतिक या कूटनीतिक दबावों के बजाय खेल की आत्मा को प्राथमिकता देंगे।
निष्कर्ष
‘नो हैंडशेक’ विवाद अब अलग-अलग खेलों में असर डाल रहा है। वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में नीरज और अरशद का आमना-सामना केवल एक खेल मुकाबला नहीं होगा, बल्कि यह दिखाएगा कि भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ी तनाव के माहौल में भी एक-दूसरे के प्रति सम्मान बरकरार रख सकते हैं या नहीं।
सभी की निगाहें इस बात पर हैं — क्या नीरज और अरशद एक-दूसरे से हाथ मिलाएंगे? या यह विवाद एक और खेल तक फैल जाएगा? जवाब आने वाले दो दिनों में साफ हो जाएगा।