साल 2025 भारत के सामरिक इतिहास में एक 'वॉटरशेड मोमेंट' (निर्णायक मोड़) के रूप में दर्ज किया गया है। यह वह वर्ष है जब भारत ने अपनी पुरानी 'रणनीतिक संयम' (Strategic Restraint) की नीति को त्याग कर 'प्रो-एक्टिव डिफेंस' के एक नए युग में प्रवेश किया। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने दुनिया को स्पष्ट कर दिया कि अब वह आतंकवाद को केवल एक सुरक्षा चुनौती नहीं, बल्कि अस्तित्वगत खतरे के रूप में देखता है, जिसका जवाब अब उसी की भाषा में और उसी के घर में दिया जाएगा।
मोदी का 'पंचशील': सुरक्षा का नया सिद्धांत
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की विदेश और रक्षा नीति को पाँच नए स्तंभों पर खड़ा किया है, जिसने दुश्मन के 'न्यूक्लियर ब्लैकमेल' के डर को हमेशा के लिए समाप्त कर दिया:
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त्वरित और सटीक प्रतिशोध: अब हमलों पर फाइलें नहीं चलतीं, बल्कि मिसाइलें चलती हैं।
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परमाणु धमकियों का अंत: दुश्मन का परमाणु हथियार भारत को उसके आतंकी ठिकानों को नष्ट करने से नहीं रोक सकता।
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प्रायोजक ही अपराधी: हमला करने वाले आतंकी और उसे पनाह देने वाले देश में अब कोई अंतर नहीं समझा जाएगा।
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वार्ता का केंद्र केवल आतंकवाद: किसी भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की पहली और अंतिम शर्त 'आतंकवाद का अंत' होगी।
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संप्रभुता सर्वोपरि: व्यापार और आतंकवाद या क्रिकेट और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते।
ऑपरेशन सिंदूर: जब थर्राया दुश्मन का गढ़
7 मई 2025 को शुरू हुआ 'ऑपरेशन सिंदूर' स्वतंत्र भारत की सबसे साहसी सैन्य कार्रवाई मानी जा रही है। पहलगाम में हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने वह कर दिखाया जो पिछले पांच दशकों में नहीं हुआ था।
ऑपरेशन की प्रमुख विशेषताएं:
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गहराई तक प्रहार: 1971 के बाद पहली बार भारतीय सेना ने एलओसी (LoC) पार कर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के हृदय स्थल तक घुसकर हमला किया।
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आतंक का अंत: इस सटीक हमले में लगभग 100 खूंखार आतंकवादियों को उनके सुरक्षित ठिकानों (Safe Havens) में ही ढेर कर दिया गया।
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वायु रक्षा का पतन: 10 मई को भारत ने पाकिस्तान के 11 रणनीतिक हवाई अड्डों पर सर्जिकल स्ट्राइक की। हैरानी की बात यह रही कि दुश्मन की उन्नत वायु रक्षा प्रणालियाँ भारत की मिसाइलों को ट्रैक तक नहीं कर पाईं।
'मेक इन इंडिया' हथियारों का दम
ऑपरेशन सिंदूर की सबसे बड़ी सफलता इसकी स्वदेशी तकनीक रही। दुनिया ने देखा कि भारत अब केवल हथियार खरीदने वाला देश नहीं, बल्कि अत्याधुनिक युद्धक तकनीक का निर्माता बन चुका है।
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ब्रह्मोस का कहर: भारत में निर्मित ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों ने पिन-पॉइंट सटीकता के साथ आतंकी लॉन्चपैड्स को तबाह किया।
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कामिकेज़ ड्रोन्स: भारतीय स्टार्टअप्स द्वारा विकसित लोइटरिंग ड्रोन्स (Loitering Munitions) ने दुश्मन की चौकियों पर आत्मघाती हमले किए, जिससे भारतीय सैनिकों को जोखिम में डाले बिना लक्ष्य हासिल किए गए।
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राफेल और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर: राफेल जेट्स ने इलेक्ट्रॉनिक जैमर्स का उपयोग कर दुश्मन के रडार को अंधा कर दिया, जिससे भारतीय मिसाइलों के लिए रास्ता साफ हो गया।