जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। बुधवार शाम को हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। इन फैसलों का मकसद सीमा पार आतंकवाद पर लगाम कसना और देश की सुरक्षा को और मजबूत करना है।
पाकिस्तानियों के लिए वीजा छूट योजना समाप्त
बैठक में लिए गए सबसे बड़े फैसलों में से एक है – सार्क वीजा छूट योजना के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को अब भारत आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है।
यह कदम एक कड़ा संदेश है कि भारत अब किसी भी रूप में पाकिस्तान से जुड़ी ढील को बर्दाश्त नहीं करेगा, चाहे वो व्यापार, यात्रा या तीर्थयात्रा ही क्यों न हो।
क्या है सार्क वीजा छूट योजना?
सार्क वीजा छूट योजना की शुरुआत 1992 में हुई थी। इसका उद्देश्य दक्षिण एशियाई देशों के बीच यात्रा और सहयोग को आसान बनाना था। इस योजना में कुल आठ सदस्य देश शामिल हैं – अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका।
इस योजना के तहत 24 विशिष्ट श्रेणियों के व्यक्तियों को वीजा स्टिकर जारी किया जाता था, जिससे वे सदस्य देशों में बिना किसी विशेष अनुमति के यात्रा कर सकते थे। इसमें राजनयिक, सरकारी अधिकारी, व्यापारियों और पत्रकारों जैसी श्रेणियां शामिल थीं।
हालांकि, भारत ने पहले से ही पाकिस्तान, नेपाल और भूटान के नागरिकों के लिए अलग नीति अपनाई थी। नेपाल और भूटान के नागरिकों को वीजा की जरूरत नहीं होती, जबकि पाकिस्तानियों को सीमित वीजा ही मिलते थे।
2015 में मिली थी वीजा छूट, अब खत्म
2015 में भारत सरकार ने पाकिस्तान के व्यापारियों के लिए बहु-प्रदेश व्यवसाय वीजा (Multi-State Business Visa) की छूट दी थी। इसके तहत वे 3 साल तक भारत में रह सकते थे और 10 से बढ़ाकर 15 स्थानों पर यात्रा की अनुमति थी।
अब इस छूट को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। इसका सीधा असर भारत आने वाले पाकिस्तानी व्यापारियों, कलाकारों, पत्रकारों और कुछ अन्य वर्गों पर पड़ेगा।
करतारपुर कॉरिडोर पर भी सवाल
इस बीच सरकार ने करतारपुर साहिब कॉरिडोर को लेकर भी सतर्क रुख अपनाया है।
पुलवामा हमले के बावजूद नवंबर 2019 में करतारपुर कॉरिडोर खोला गया था, जिससे भारतीय सिख श्रद्धालु बिना वीजा पाकिस्तान के करतारपुर साहिब जा सकते थे।
हालांकि, अब पहलगाम हमले के बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या इस कॉरिडोर को भी अस्थायी तौर पर बंद किया जा सकता है?
हालिया फैसले में कॉरिडोर का ज़िक्र नहीं किया गया है, लेकिन सुरक्षा कारणों से उस पर पुनर्विचार की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख
कैबिनेट कमेटी ने साफ तौर पर कहा है कि भारत अब सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस' नीति अपनाएगा। इसके तहत खुफिया नेटवर्क मजबूत किया जाएगा, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को बेनकाब किया जाएगा और डिप्लोमैटिक दबाव भी बढ़ाया जाएगा।
निष्कर्ष
पहलगाम आतंकी हमले ने एक बार फिर भारत को अपनी सुरक्षा नीति पर कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया है। पाकिस्तान के नागरिकों के लिए वीजा छूट को रद्द करना इस बात का संकेत है कि अब भारत कोई नरमी नहीं दिखाएगा।
साथ ही यह एक स्पष्ट संदेश है कि आतंकवाद के समर्थन या सहनशीलता को भारत बर्दाश्त नहीं करेगा। अब देखना होगा कि ये फैसले पाकिस्तान पर कितना असर डालते हैं और भारत की सुरक्षा नीति को किस दिशा में ले जाते हैं।