सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम्' की 150वीं वर्षगांठ पर आयोजित विशेष चर्चा की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पार्टी और देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर तीखा निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सदी में वंदे मातरम् के साथ अन्याय हुआ और विश्वासघात किया गया.
वंदे मातरम् के साथ हुआ विश्वासघात: PM मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वंदे मातरम् स्वतंत्रता आंदोलन का स्वर बन गया था और हर भारतीय का संकल्प था. उन्होंने याद दिलाया कि 1905 में अंग्रेजों ने जब बंगाल का विभाजन किया था, तब "वंदे मातरम् चट्टान की तरह खड़ा रहा और एकता की प्रेरणा दी."
हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि इस राष्ट्रगीत के साथ बाद में विश्वासघात हुआ:
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मुस्लिम लीग का विरोध: पीएम मोदी ने कहा कि पिछली सदी में वंदे मातरम् को विवादों में घसीटा गया, क्योंकि मुस्लिम लीग ने इसका विरोध किया था. उन्होंने 1937 में मोहम्मद अली जिन्ना के विरोध का ज़िक्र किया.
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नेहरू पर आरोप: प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि जिन्ना के विरोध के बाद जवाहरलाल नेहरू ने इसकी निंदा नहीं की, बल्कि उन्हें कुर्सी का खतरा महसूस हुआ. उन्होंने दावा किया कि नेहरू को डर लगा, और उन्होंने 5 दिनों के बाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस को चिट्ठी लिखकर जिन्ना के विरोध पर सहमति जताई.
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समझौता और टुकड़े: पीएम मोदी ने कहा कि नेहरू ने तर्क दिया कि वंदे मातरम् की 'आनंद मठ' वाली बात मुस्लिमों को खराब लग सकती है. अंततः, कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के दबाव में वंदे मातरम् पर समझौता कर लिया और इसके टुकड़े कर दिए, और कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के सामने घुटने टेक दिए.
वंदे मातरम् के 100 साल पर संविधान का गला घोंटा गया
पीएम मोदी ने वंदे मातरम् की 150 वर्ष की यात्रा का उल्लेख किया और कहा कि यह अनेक पड़ावों से गुजरी है.
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आपातकाल का जिक्र: उन्होंने कहा, "जब वंदे मातरम् के 100 वर्ष हुए तब देश आपातकाल की जंजीरों में जकड़ा हुआ था."
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संविधान का गला घोंटा: उन्होंने आरोप लगाया कि जब वंदे मातरम् का अत्यंत उत्तम पर्व होना चाहिए था, तब भारत के संविधान का गला घोंट दिया गया था. उन्होंने कहा कि देशभक्ति के लिए जीने-मरने वाले लोगों को जेल की सलाखों के पीछे बंद कर दिया गया था, जो हमारे इतिहास का एक काला कालखंड था.
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गौरव पुनः स्थापित करने का अवसर: पीएम मोदी ने कहा कि 150 वर्ष उस महान अध्याय और उस गौरव को पुनः स्थापित करने का अवसर हैं, और सदन को यह अवसर नहीं गंवाना चाहिए.
वंदे मातरम्: आजादी की ऊर्जा
पीएम मोदी ने कहा कि 'वंदे मातरम्' का स्मरण करना हम सबका सौभाग्य है.
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अंग्रेजों का डर: प्रधानमंत्री ने कहा कि वंदे मातरम् सिर्फ राजनीतिक लड़ाई का मंत्र नहीं था, बल्कि यह मातृभूमि को बेड़ियों से मुक्त कराने की एक पवित्र जंग थी. उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् के शब्दों से अंग्रेज डर गए थे, जिसके चलते इस पर रोक लगा दी गई और वंदे मातरम् बोलने पर सजा दी जाती थी.
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ऋण स्वीकार करने का अवसर: पीएम मोदी ने कहा कि सदन में यह चर्चा कोई पक्ष-प्रतिपक्ष की बात नहीं है, बल्कि यह ऋण स्वीकार करने का अवसर है, क्योंकि लाखों लोगों ने वंदे मातरम् के मंत्र के साथ आजादी का आंदोलन चलाया था, जिसके परिणाम स्वरूप आज हम यहां बैठे हैं.