नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में देश के नागरिकों, किसानों और व्यापारियों के लिए कई बड़े फैसले लिए गए। इस बैठक में जहां छोटे व्यापारियों और ग्राहकों को UPI पेमेंट पर राहत दी गई, वहीं किसानों के लिए नई योजनाओं की शुरुआत का ऐलान हुआ। साथ ही देशभर में हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर जोर दिया गया। गोकुल मिशन के तहत दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए भी बड़ी धनराशि जारी की गई है। आइए जानते हैं इस अहम बैठक में और क्या फैसले लिए गए।
यूपीआई पेमेंट्स पर बड़ी राहत
बैठक में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए 'व्यक्ति से व्यापारी' (P2M) कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई लेनदेन पर 2,000 रुपये तक शुल्क हटाने का फैसला लिया गया। इसके तहत सरकार ने 1,500 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को भी मंजूरी दी है। इस योजना के तहत, छोटे दुकानदारों को यूपीआई के माध्यम से किए गए हर लेन-देन पर 0.15 प्रतिशत की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि मिलेगी। इससे डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा मिलेगा और छोटे कारोबारियों को सीधा लाभ होगा।
किसानों के लिए नई योजनाएं
बैठक में किसानों की समस्याओं पर भी चर्चा हुई। देश में यूरिया की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने असम में अमोनिया और यूरिया के एक नए विनिर्माण कॉम्प्लेक्स को मंजूरी दी है। इससे देश के किसानों को यूरिया की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी। सरकार का यह कदम किसानों की उत्पादन लागत को कम करने और समय पर खाद उपलब्ध कराने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
राजमार्ग निर्माण को मिली मंजूरी
महाराष्ट्र के जेएनपीए पोर्ट से चौक तक 29.219 किलोमीटर लंबे 6-लेन ग्रीनफील्ड हाईवे के निर्माण को भी मंजूरी दी गई। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 4,500 करोड़ रुपये बताई जा रही है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह राजमार्ग भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में यात्रा का समय घटाएगा और औद्योगिक कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा। यह प्रोजेक्ट बीओटी (Build, Operate, Transfer) मॉडल पर विकसित किया जाएगा। इस हाईवे से मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे और एनएच-48 से जेएनपीए पोर्ट तक माल ढुलाई आसान हो जाएगी।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन का ऐलान
देश में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत सरकार ने 3,400 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है। मिशन का उद्देश्य देश में उच्च गुणवत्ता वाली दूध उत्पादन प्रणाली विकसित करना है। 2023-24 में भारत में कुल 23.9 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन हुआ था। अब 2025 तक इसे और बढ़ाने की योजना बनाई गई है। इसके साथ ही किसानों को उनके गांवों के निकट डेयरी सुविधाएं देने पर भी जोर दिया गया है।
महंगाई भत्ते पर नहीं हुई घोषणा
कैबिनेट बैठक में महंगाई भत्ते (DA) बढ़ोतरी को लेकर उम्मीद थी कि कोई बड़ा ऐलान होगा। करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों को इस फैसले का इंतजार था। हालांकि, इस बैठक में डीए को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आने वाले दिनों में सरकार इस विषय पर कोई अहम फैसला ले सकती है।
निष्कर्ष
केंद्रीय मंत्रिमंडल की यह बैठक कई मायनों में ऐतिहासिक रही। यूपीआई पेमेंट्स, किसानों की मदद, हाईवे नेटवर्क और दुग्ध उत्पादन में सुधार जैसे फैसलों से आम जनता को सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है। अब सभी की नजरें इन योजनाओं के ज़मीनी क्रियान्वयन पर हैं।