22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 निर्दोष भारतीय पर्यटकों की जान चली गई। भारत ने इस नापाक हरकत के बाद न सिर्फ सख्त तेवर अपनाए, बल्कि पाकिस्तान को उसकी भाषा में जवाब देने की ठान ली है। भारतीय सुरक्षाबलों की सक्रियता और सरकार की कड़ी कार्रवाई के चलते अब पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी ISI की बेचैनी साफ तौर पर देखी जा सकती है। इस बौखलाहट में ISI ने अब एक नई और खतरनाक साजिश को अंजाम देना शुरू कर दिया है।
ISI की खतरनाक साजिश
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI अब भारतीय सेना के जवानों और अधिकारियों के परिवारों को निशाना बना रही है। खासकर उनके स्कूली और कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चों को फर्जी कॉल कर निशाना बनाया जा रहा है। इन कॉल्स में ISI एजेंट खुद को स्कूल या सरकारी अधिकारी बताकर बच्चों से उनके पिता की पोस्टिंग, बटालियन का नाम, तैनाती की जगह, और हाल ही के घटनाक्रमों से जुड़ी जानकारी पूछते हैं।
पाकिस्तानी एजेंट बच्चों से यह भी जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या उनके पिता को पहलगाम हमले के बाद सीमा पर तैनात किया गया है या उनकी पोस्टिंग में कोई बदलाव हुआ है। ये जानकारियां बेहद संवेदनशील होती हैं और इनके लीक होने से सुरक्षा व्यवस्था को गंभीर नुकसान हो सकता है।
स्कूल प्रशासन की ओर से चेतावनी
इस तरह की फर्जी कॉल्स को लेकर कई स्कूलों और कॉलेजों ने अपने छात्रों और उनके अभिभावकों को सतर्क रहने की सलाह दी है। कुछ जगहों पर स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने भी इस मुद्दे पर चेतावनी जारी की है कि कोई भी संदिग्ध कॉल मिलने पर तुरंत उसकी जानकारी पुलिस को दी जाए।
ये कॉल्स सीधे तौर पर ISI की एक बड़ी साजिश का हिस्सा मानी जा रही हैं, जिसका उद्देश्य भारतीय सेना की गुप्त सूचनाएं हासिल कर आतंकी हमलों की नई योजना बनाना है।
पहलगाम आतंकी हमला: एक नजर में
22 अप्रैल को जब देश अपने सामान्य दिनचर्या में व्यस्त था, तब पहलगाम की खूबसूरत बैसरन घाटी में घूमने गए भारतीय पर्यटकों पर आतंकियों ने हमला बोल दिया। करीब 4 से 5 आतंकियों ने वहां मौजूद लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं, जिससे 26 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और दर्जनों घायल हुए। इस हमले की जिम्मेदारी भले किसी आतंकी संगठन ने औपचारिक रूप से न ली हो, लेकिन इसके पीछे पाकिस्तान के हाथ होने की आशंका प्रबल है।
हमले के बाद भारत ने तत्काल उच्च स्तरीय बैठकें कर जवाबी कार्रवाई की रणनीति पर काम शुरू कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस हमले का बदला लिया जाएगा।
भारत का कड़ा जवाब
भारत सरकार ने पाकिस्तान को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सबसे पहले सिंधु जल संधि को समाप्त कर दिया गया। इस संधि के तहत भारत अपने हिस्से का पानी रोककर पाकिस्तान जाने से रोक सकता है, जो एक बड़ा दबाव है। इसके अलावा, भारत ने पाकिस्तानियों को दिए गए सभी 14 श्रेणियों के वीजा रद्द कर दिए। साथ ही, देश में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने के आदेश भी दे दिए गए।
इस कड़ी कार्रवाई ने पाकिस्तान की नींद उड़ा दी है और वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी घिरता नजर आ रहा है।
दुनियाभर के देश भारत के समर्थन में
भारत की इस निर्णायक कार्रवाई को वैश्विक समर्थन भी मिल रहा है। अमेरिका, फ्रांस, जापान, ऑस्ट्रेलिया, इजरायल और रूस समेत कई देशों ने भारत के प्रति एकजुटता दिखाते हुए आतंकवाद की निंदा की है। इन देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने प्रधानमंत्री मोदी को कॉल कर इस हमले पर गहरा शोक जताया और आतंकवाद के खिलाफ भारत के कदमों का समर्थन किया।
भारत ने भी अपनी रणनीति को और सशक्त बनाते हुए पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवादी राष्ट्र घोषित कराने की दिशा में प्रयास तेज कर दिए हैं।
निष्कर्ष: सतर्कता ही सुरक्षा
इस वक्त देश एक संवेदनशील दौर से गुजर रहा है। पाकिस्तान और ISI की चालों को नाकाम करने के लिए सिर्फ सरकार और सेना ही नहीं, आम नागरिकों को भी सतर्क रहना होगा। खासतौर पर सेना के परिवारों को सावधानी बरतनी होगी और किसी भी फर्जी कॉल या सूचना की जानकारी तुरंत पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को देनी चाहिए। यही समय है जब हम सबको एकजुट होकर आतंक और उसके आकाओं को मुंहतोड़ जवाब देना है।