इंडोनेशिया के रक्षा मंत्री स्याफरी स्यामसुद्दीन (Sjafrie Sjamsoeddin) की हालिया भारत यात्रा से दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को एक बड़ा प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है। इस यात्रा का मुख्य केंद्रबिंदु भारत और इंडोनेशिया के बीच ब्रह्मोस (BrahMos) सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल की संभावित डील पर रहा। इस डील को लेकर रूस ने भी सकारात्मक संकेत दिए हैं, जो इस प्रक्रिया को और भी तेज कर सकता है।
सूत्रों के मुताबिक, यह डील अब एडवांस चरण में है। इंडोनेशिया लंबे समय से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने में गहरी रुचि दिखाता रहा है। इसी साल जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो के बीच हुई शिखर बैठक में भी यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया था, जो दोनों देशों की रणनीतिक प्राथमिकता को दर्शाता है।
भारत बनेगा इंडोनेशिया का MRO हब
रक्षा सहयोग केवल हथियारों की खरीद तक ही सीमित नहीं है। इंडोनेशिया अपनी वायुसेना और नौसेना के विमानों तथा जहाजों के रखरखाव, मरम्मत और ओवरहॉल (Maintenance, Repair & Overhaul - MRO) के लिए भारत की विशेषज्ञता का उपयोग करना चाहता है। भारत पहले से ही इंडोनेशिया को उसके सुखोई लड़ाकू विमानों के रखरखाव में सहायता प्रदान कर रहा है। यह सहयोग हिंद महासागर क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सुरक्षा साझेदारी को और भी मजबूत करेगा, जिससे क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित होगी।
ब्रह्मोस: भारत-रूस संयुक्त तकनीक का घातक हथियार
ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज ऑपरेशनल सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में गिनी जाती है, जो भारत और रूस के संयुक्त सहयोग का परिणाम है। इसकी तैनाती ने भारतीय सेना की मारक क्षमता को अभूतपूर्व स्तर पर बढ़ाया है।
| विशेषता (Feature) |
विवरण (Detail) |
| गति (Speed) |
2.8-3.0 मैक (लगभग 3,700 किमी/घंटा) |
| रेंज (Range) |
290-450 किमी (नए संस्करण 500+ किमी तक सक्षम) |
| सटीकता (Accuracy) |
1 मीटर CEP तक |
| लॉन्च प्लेटफॉर्म |
भूमि, समुद्र, पनडुब्बी, वायु |
| ऊंचाई प्रोफ़ाइल |
समुद्र की सतह से बेहद कम ऊँचाई पर उड़ान (Sea-skimming) |
रणनीतिक महत्व:
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तेज प्रतिक्रिया क्षमता: 2.83 मैक की गति इसे दुश्मन के रडार और एयर डिफेंस सिस्टम के लिए पकड़ना और जवाब देना बेहद कठिन बनाती है।
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सटीक वार: कम ऊँचाई पर उड़ान भरने की क्षमता (sea-skimming) इसे लक्ष्य तक अत्यंत सटीक (high-precision) बनाती है।
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बहु-भूमिकीय उपयोग: इसे जमीन, समुद्र और वायु तीनों प्लेटफॉर्म से लॉन्च किया जा सकता है, जो इसे अत्यधिक बहुमुखी हथियार बनाता है।
इंडोनेशिया के लिए ब्रह्मोस का महत्व
इंडोनेशिया के लिए ब्रह्मोस मिसाइल की खरीद कई रणनीतिक कारणों से महत्वपूर्ण है:
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चीन का संतुलन: दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती समुद्री आक्रामकता का प्रभावी ढंग से संतुलन स्थापित करना।
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नौसेना और तटीय रक्षा: अपनी नौसेना के जहाजों और महत्वपूर्ण तटीय रक्षा को उन्नत बनाना।
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संयुक्त सुरक्षा रणनीति: हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के साथ संयुक्त सुरक्षा रणनीति को मजबूत करना।
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घातक क्षमता में वृद्धि: अपनी सैन्य प्रतिक्रिया क्षमता में त्वरित और घातक वृद्धि करना।
इंडोनेशिया की यह डील न केवल भारत-इंडोनेशिया के द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूत करेगी, बल्कि भारत के रक्षा निर्यात को भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएगी। ब्रह्मोस का निर्यात भारत की बढ़ती सैन्य तकनीकी ताकत और 'मेक इन इंडिया' की सफलता का प्रतीक है। इससे पहले, फिलीपींस ने भी चीन की आक्रामकता का जवाब देने के लिए भारत से ब्रह्मोस मिसाइल की डील की है। इंडोनेशिया के बाद, दुनिया के कई और देश अब इस मिसाइल की खरीद की कतार में हैं।