22 अप्रैल को श्रीनगर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। आतंकवादियों द्वारा किए गए इस हमले में 27 भारतीयों की दर्दनाक मौत हो गई और 17 लोग बुरी तरह से घायल हो गए। यह हमले से जहां देशभर में गुस्से की लहर दौड़ गई है, वहीं पाकिस्तान ने अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आते हुए एलओसी (लाइन्स ऑफ कंट्रोल) पर लगातार सीजफायर उल्लंघन किया है।
पाकिस्तान की ओर से 22 और 23 अप्रैल को दो दिन तक सीजफायर का उल्लंघन किया गया और भारतीय चौकियों पर गोलीबारी की गई। हालांकि, भारतीय सेना ने अपनी चौकियों को पूरी तरह से सुरक्षित रखते हुए पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया। इस गोलीबारी में भारतीय सेना को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है।
पाकिस्तान की नापाक हरकतें
पाकिस्तान अपने नापाक इरादों से बाज नहीं आ रहा है। पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान की ओर से एलओसी पर सीजफायर उल्लंघन की घटनाएं बढ़ गई हैं। यह दूसरी बार है जब पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन करते हुए भारत के खिलाफ गोलीबारी की है। पहले भी पाकिस्तान ने पहलगाम हमले के बाद सीजफायर उल्लंघन किया था और अब एक बार फिर से पाकिस्तान की तरफ से ऐसी हरकतें जारी हैं।
पाकिस्तान की इन नापाक हरकतों को भारतीय सेना ने पूरी तरह से नकारा किया और उन्हें कड़ा जवाब दिया। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान की गोलीबारी भारतीय चौकियों पर की गई थी, लेकिन भारतीय सेना के जवाबी हमले में पाकिस्तान को कोई भी फायदा नहीं हुआ। अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान के इरादे नाकाम हो गए हैं और हमारी चौकियां पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
भारतीय सेना ने दिया मुंहतोड़ जवाब
पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी के बाद भारतीय सेना ने उन्हें उसी के अंदाज में जवाब दिया। एक सैन्य अधिकारी ने जानकारी दी कि हमारी सेना ने पाकिस्तान के हमले को करारा जवाब दिया और उनकी गोलीबारी को नाकाम कर दिया। भारतीय सेना ने बताया कि इस समय घटना की पूरी जांच चल रही है और हमारी चौकियों को कोई नुकसान नहीं हुआ है।
अधिकारी ने यह भी बताया कि पाकिस्तान की ओर से यह गोलीबारी भारत को उकसाने के लिए की जा रही थी, लेकिन भारतीय सेना पूरी तरह से अलर्ट है और हमारी सेना किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार है।
पहलगाम आतंकी हमला: देशभर में गुस्से की लहर
22 अप्रैल को पहलगाम में हुआ आतंकी हमला आतंकवादियों ने 27 भारतीय नागरिकों को बेरहमी से मार डाला। हमले में 17 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिनका इलाज जारी है। यह हमला एक बार फिर साबित करता है कि पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है, जो पूरे दक्षिण एशिया के लिए खतरे की घंटी है।
हमले में मारे गए लोगों में ज्यादातर भारतीय टूरिस्ट थे, जो छुट्टियां मनाने के लिए जम्मू कश्मीर आए थे। आतंकवादियों ने इन लोगों को नाम पूछकर गोलियों से भून डाला, जिससे यह हमला और भी क्रूर और निर्दयी बन गया। इस हमले ने न केवल जम्मू कश्मीर बल्कि पूरे देश को झकझोर दिया है और लोग कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
भारत सरकार का पाकिस्तान से संबंधों पर कड़ा रुख
भारत सरकार ने इस हमले के बाद पाकिस्तान से सारे नाते तोड़ने का फैसला लिया है। पाकिस्तानी वीजा रद्द करने के साथ-साथ सिंधु जल समझौते को भी कैंसिल करने का ऐलान किया गया है। सरकार का कहना है कि पाकिस्तान को अब भारत के खिलाफ किसी भी प्रकार की आतंकवादी गतिविधि करने की कीमत चुकानी होगी।
भारत की सैन्य प्रतिक्रिया पर अंतरराष्ट्रीय समर्थन
भारत की तरफ से की जाने वाली किसी भी सैन्य प्रतिक्रिया पर चीन, ब्रिटेन, कनाडा, सऊदी अरब और अन्य देशों ने समर्थन व्यक्त किया है। इन देशों ने पाकिस्तान द्वारा की जाने वाली आतंकवादी गतिविधियों और सीमा उल्लंघनों की निंदा की है और भारत को अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने का पूरा अधिकार दिया है।
पाकिस्तान को चुनौती
पाकिस्तान को लगातार भारत की ओर से चेतावनियां मिल रही हैं, लेकिन पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। अब जब पाकिस्तान ने एलओसी पर सीजफायर का उल्लंघन किया है, तो भारत के पास पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के कई विकल्प मौजूद हैं। भारतीय सेना पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बना सकती है, और आर्टिलरी फायरिंग जैसी कड़ी कार्रवाई भी कर सकती है।
वहीं, भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के खिलाफ दबाव बढ़ाने का मन बना लिया है। भारतीय कूटनीति के जरिए पाकिस्तान को अपनी नीतियों में बदलाव करने और आतंकवाद पर काबू पाने के लिए मजबूर किया जाएगा।
निष्कर्ष
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। पाकिस्तान की ओर से की गई सीजफायर उल्लंघन और आतंकवादी हमले के खिलाफ भारत मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार है और पाकिस्तान के किसी भी उकसावे का कड़ा जवाब देगी।
अब देखना यह होगा कि पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से कब बाज आता है, और क्या भारत अपने अधिकारों का पालन करते हुए कड़े सैन्य कदम उठाएगा।