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मध्य प्रदेश में प्याज किसानों की सड़क पर नाराज़गी — मंदसौर में प्याज की शव यात्रा निकालकर किया अनोखा विरोध

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Posted On:Tuesday, November 25, 2025

मध्य प्रदेश में प्याज किसानों की हालात बदतर होती जा रही है। एक ओर मौसम की मार से किसान संभल नहीं पाए थे, वहीं दूसरी ओर प्याज के दाम इस कदर नीचे गिर गए हैं कि अब लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है। मंदसौर मंडी में प्याज मात्र 100 रुपए प्रति क्विंटल, यानी करीब 1 रुपए किलो बिक रहा है। ऐसे हालात में किसानों के आंसू छलक पड़े और उन्होंने सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए अनोखा प्रदर्शन किया — प्याज की शव यात्रा निकालकर अंतिम संस्कार किया।

मंदसौर के ग्राम धमनार में किसानों ने बाकायदा बैंड-बाजों के साथ अर्थी सजाई, प्याज को ‘मृतक’ घोषित किया और श्मशान घाट पहुंचकर उसका अंतिम संस्कार भी किया। किसानों ने कहा कि जिस फसल को उन्होंने बच्चों की तरह सींचा, आज उसकी ऐसी दुर्दशा हो रही है कि उसका कोई खरीदार नहीं है।इस विरोध के बाद कांग्रेस ने भी मोहन यादव सरकार को घेरते हुए इसे किसानों के साथ अन्याय बताया और समर्थन मूल्य तय करने की मांग की।

किसानों की मांग — प्याज का समर्थन मूल्य तय करे सरकार

किसानों ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि लगातार गिरते दामों ने उन्हें आर्थिक रूप से तोड़ दिया है। प्याज के दाम इतने कम हैं कि काटने, बोरी भरने और मंडी तक ले जाने का किराया भी नहीं निकल रहा। इसलिए वे चाहते हैं कि सरकार इसमें दखल दे, प्याज का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करे और निर्यात बढ़ाया जाए ताकि किसानों को राहत मिल सके। किसान देवी लाल ने बताया कि पिछले साल प्याज के दाम तीन से चार हजार रुपए प्रति क्विंटल थे। लेकिन इस बार कीमत 100 रुपए प्रति क्विंटल रह गई है। उन्होंने कहा— “अगर लागत भी नहीं मिल रही तो खेती करने का क्या फायदा? सरकार को किसानों की हालत समझनी चाहिए। कई किसान आत्महत्या की कगार पर हैं।”

“फसल मर गई है, इसलिए शव यात्रा निकाली”

किसान बद्री लाल धाकड़ ने कहा कि किसान फसल को बच्चों की तरह पालता है। इस बार अधिक उत्पादन हुआ था और उम्मीद थी कि बेहतर दाम मिलेंगे। लेकिन बाजार में दाम इतने गिर गए कि फसल की ‘अकाल मौत’ हो गई। उन्होंने कहा—“जिस तरह किसी की मौत के बाद आत्मा भटकती है, वैसे ही हमारी फसल की आत्मा भी भटक रही है। इसलिए यह शव यात्रा निकाली गई है ताकि अगली बार फसल को उचित दाम मिल सके।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को प्याज आयात पर रोक लगानी चाहिए ताकि बाजार में कीमतें स्थिर रहें और किसानों को उनका हक मिल सके।

प्रशासन ने ज्ञापन लिया, कहा— बात सरकार तक पहुंचाई जाएगी

प्रदर्शन की सूचना पर तहसीलदार रोहित सिंह राजपूत मौके पर पहुंचे। उन्होंने किसानों से ज्ञापन लिया और आश्वासन दिया कि उनकी मांगें सरकार तक पहुंचाई जाएंगी।

उन्होंने कहा—“किसानों का कहना है कि उन्हें प्याज की फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा। उन्होंने विरोध के रूप में अंत्येष्टि कार्यक्रम भी रखा है। हम इस मामले को उच्च अधिकारियों तक भेजेंगे।”


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