इस AI संचालित पारिस्थिति तंत्र में , लेखिका मणिकर्णिका लागू ने अपनी किताब 'द सिलिकॉन माइंड' में एक स्पष्ट औरबेहतरीन तरीके से न्यूरल-चिप इम्प्लांट और उसके खोजपूर्ण परिणाम की कहानी बताई है।
'द सिलिकॉन माइंड' एक मुश्किल, सोफिस्टिकेटेड , बहुत अच्छी तरीके से रिसर्चड ,मजबूत पकड़ के साथ लिखी गयी है।इसमें आप मेडिकल फील्ड की साजिशें, नैतिक दुविधाएं, मोचन और रोमांच सब कुछ पाएंगे।
अपनी बेस्ट सेलर के बारे में बात करते हुए लेखिका मणिकर्णिका लागू ने कहा, "मुझे भौतिक विज्ञान बहुत पसंद है ,अपनीपीएचडी के बाद मैंने संघनित पदार्थ और गैर -रेखीय भौतिक विज्ञान में आगे शोध किया। मैं स्वभाव से एक एक्स्प्लोरर हूँ, मुझे चीजों की खोज करना और उनके बारे में पूरी तरह से समझ रखना पसंद है। जैसे अब दुनिया एआई परिस्थितिका तंत्र कीऔर बढ़ रही है ,मैं जानना चाहती थी की कैसे न्यूरल- चिप, मस्तिष्क-चिप संघर्ष और कैसे हम इंसान इस शोध के लिए औरकुछ नहीं बल्कि गिनी पिग है , मानव और मशीन का मिश्रण '
उन्होंने आगे कहा, "एक बहुत पढ़ी लिखी व्यक्ति होने के बावजूद , यह एक अजीब बात है की मैं जितना अधिक सीखती हूँउतना मुझे ज्ञात होता है कि मुझे बहुत कम पता है। मानव मस्तिष्क, उसकी क्षमता, जटिलता और चेतना के बारे में ज्ञान इकट्ठाकरना मेरा जुनून है। अपनी इस किताब के माध्यम से मैंने वही करने की कोशिश की है। मेरी किताबों में आप मेरे शब्दों केमाध्यम से एक दूसरी दुनिया में जा सकते है और यहां कई यात्राओं का अनुभव ले सकते हैं।"
द सिलिकॉन मंद एक बहुत ही अच्छी तरह से संरचित साई-फाई थ्रिलर है जो अमन की ज़िन्दगी के इर्द गिर्द घूमती है। अमन केअंदर न्यूरोसर्जन रे ने एक न्यूरल- चिप लगाया है। अमन को कुछ मालूम नहीं और वह रे का गिनी पिग बन गया है। उसकेमस्तिष्क में एक सिलिकॉन चिप है जिसकी वजह से वह पूरी तरह से बदल गया है। उसका दिमाग तो बहुत तेज हो गया हैलेकिन उसका शरीर अजीब बीमारियों से ग्रस्त हो गया है। ऐसे में वह अपनी मनोचिक्त्सिक दोस्त मानसी और जर्नलिस्ट दोस्तईशान की मदद से अपने शरीर के अजीबो गरीब लक्षणों के बारे में पता लगाने में कामयाब होता है।
रे को फाइनली मानसी और अपनी बेटी साक्षी के इमोशनल दबाव में आकर झुकना पड़ता है और अपने आप को भगवान माननेकी कोशिश करते हुए इस गलत काम को सुधारना पड़ता है।
मणिकर्णिका ने एक प्रभावशाली जीवन जिया है। उनके पास दशकों की शिक्षा है , एक सुखपूर्ण शादी है, उन्हें घूमना बहुतपसंद है और वह विभिन्न दान कार्यो के साथ जुडी हुई है।
अपने जीवन के मंत्र के बारे में बात करते हुए मणिकर्णिका ने कहा, "मुझे चीजों को सिंपल रखना अच्छा लगता है। अगर आपसफलता चाहते हैं तो आपको अपने कम्फर्ट ज़ोन से बहार आना होगा और अपने जूनून के पीछे चलते रहो, सभी चीजें अपनेआप सही जगह पर आ जाएंगी। "
इस किताब में न्यूरल प्रत्यारोपण और उसके परिणाम के बारे में पूरी तरह से समझा गया है। आपको यह किताब जरूर पढ़नी चाहिए।