महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े हैं ये 7 कानूनी अधिकार

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यौन उत्पीड़न अधिनियम यह कार्यस्थल पर महिलाओं के प्रति होने वाले शारीरिक और यौन उत्पीड़न से सुरक्षा देता है। इसके चलते महिलाएं आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकती हैं।

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मैटरनिटी लाभ अधिनियम, 1861 यह अधिनियम कामकाजी महिलाओं को 6 महीने की मैटरनिटी लीव देता है। जिसमें महिला को प्रेग्नेंस के दौरान छुट्टी की सुविधा देता है।

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दहेज निषेध अधिनियम, 1961 यह पति और उसके परिवार द्वारा लिए गए दहेज के लिए प्रताड़ित करने के खिलाफ बनाया है। इसमें दहेज लेने वालों सख्त सजा दी जाती है।

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पॉक्सो एक्ट पॉक्सो का अर्थ है प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस एक्ट। इसको बच्चों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है। इसमें बच्चों के प्रति होने वाले यौन शोषण के विरुद्ध सजा का प्रावधान है।

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महिला सुरक्षा कानून देश में हुए जघन्य अपराध निर्भया कांड के बाद सरकार ने यौन शोषण के खिलाफ दोषियों को कड़ी सजा का प्रावधान किया है। इसके तहत महिलाएं उसका पीछा करने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकती हैं।

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स्टॉकिंग के खिलाफ अधिकार आईपीसी की धारा 354 डी में उन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाती है, जो व्यक्तिगत बातचीत या इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के जरिए महिलाओं का पीछा करता है।

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वर्चुअल शिकायत दर्ज कराने का अधिकार महिलाएं ईमेल या पंजीकृत डाक पते से पुलिस स्टेशन पर अपनी शिकायत भेज सकती हैं। इसके जरिए वर्चुअल शिकायत दर्ज की जा सकती है। हर महिला को इन कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूक होना चाहिए।

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