फिल्म रिव्यु - Bloody Daddy
ड्रामा, एक्शन, कॉमेडी से भरपूर ये फिल्म कही पर भी आपको बोर नहीं करती, फिल्म जियो सिनेमा पर फ्री में उपलब्ध है, ऐसे में शाहिद कपूर के फैन्स के लिए यह किसी लॉटरी से कम नहीं है
शाहिद कपूर की फिल्म 'ब्लडी डैडी' रिलीज हो गई है. फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म जियो सिनेमा पर रिलीज हुई है. फिल्म शाहिद कपूर के अलावा राजीव खंडेलवाल, जीशान कादरी, डायना पेंटी और रोनित रॉय लीड रोल में हैं. फिल्म को अली अब्बास जफर ने डायरेक्ट किया है. शाहिद कपूर की फिल्म फ्रेंच फिल्म नट ब्लैंच का रीमेक है, जिसपर स्लीपलेस नाईट (हॉलीवुड) और थूंगा वनम (तमिल) जैसी दो फिल्में पहले ही बन चुकी हैं.
एक पिता और बेटे का रिश्ता बेहद खास होता है, भले ही वे दोनों अपने दिल की बात अक्सर दिल में छुपाकर रहते हो, लेकिन जब मुश्किलों का सामना करने की बात आती हैं, तब अपने बेटे के लिए पिता सारी हदें पार करता है, फिर वो 90 के दशक के पिता हो या आज का डैडी. शाहिद कपूर की फिल्म “ब्लडी डैडी” ऐसे ही एक पिता की कहानी बयां करती हैं.
कहानी
ब्लडी डैडी' की कहानी शाहिद कपूर की है. शाहिद कपूर नारकोटिक्स में हैं. एक दिन कनॉट प्लेस में घूमते हुए एक कार को चेज करते हैं और अपने साथी जीशान कादरी के साथ मिलकर एक ड्रग्स से भरा बैग लुट लेता है. अपनी पत्नी से अलग हुआ सुमैर अपने बेटे (अथर्व ) को थोड़े थोड़े समय के लिए अपने पास बुलाता रहता है पर अपने काम में इतना बिजी रहता है कि वो अपने बेटे को टाइम नहीं दे पता, जिसके कारण बाप बेटे आपस में हमेशा झगड़ते रहते है
एक तरफ नाराज बेटा और दूसरी तरफ कोरोना, इन दोनों के बीच खुद की जिंदगी बैलेंस करने की कोशिश करने वाले सुमैर की जिंदगी तब थम जाती हैं जब सिकंदर (रोनित रॉय) उसके बेटे को किडनैप कर लेता है. बेटे के बदले वो सिकंदर से ड्रग्स के उस बैग की मांग करता है, जो सुमैर ने उससे चुराए थे. सुमैर को न सिर्फ सिकंदर का सामना करना बल्कि अपने ही डिपार्मेंट के कुछ अफसर भी मुश्किल बनकर उसके सामने खड़े हैं, तो क्या नारकोटिक्स का ये करप्ट अफसर सच में वो ड्रग्स सिकंदर को सौंप देगा? क्या अथर्व को ढूंढ़ने में सुमैर सफल हो पाएगा? इस सवालों के जवाब जानने के लिए आपको ‘ब्लडी डैडी’ जियो सिनेमा पर देखनी होगीं.
डायरेक्शन और राइटिंग
फिल्म ब्लडी डैडी का डायरेक्शन अली अब्बास ने किया है, तो अली अब्बास जफर, आदित्य बसु और सिद्धार्थ-गरिमा ने इस फिल्म की स्क्रिप्ट लिखी है. एक मजेदार एक्शन पैक्ड कहानी की उम्मीद से फिल्म देखने वाले फैंस को अली अब्बास बिलकुल निराश नहीं करते. ड्रग्स को लेकर होने वाला चेस हो या फिर शाहिद का एक्शन इस पूरी कहानी पर निर्देशक ने कुछ इस तरह से काम किया है कि आप आखिरतक बिलकुल बोर नहीं होते. देखा जाए तो ये फिल्म फ्रेंच फिल्म नट ब्लैंच का रीमेक है, जिसपर स्लीपलेस नाईट (हॉलीवुड) और थूंगा वनम (तमिल) जैसी दो फिल्में पहले ही बन चुकी हैं. फिर भी ब्लडी डैडी हमें निराश नहीं करती, जिसका श्रेय डायरेक्टर के साथ साथ राइटरस को भी जाता है.
कोरोना काल से जोड़ते हुए इस फिल्म की स्क्रिप्ट कुछ इस दमदार तरीके से लिखीं गई है कि देखने वाले इससे रिलेट कर पाते हैं और यही मेकर्स की जीत है.
एक्टिंग
शाहिद कपूर ने सुमेर के रूप में भ्रष्टाचारी नारकोटिक्स अफसर की भूमिका को बखूबी निभाया है. हालांकि उनके किरदार में एक दिलचस्प ट्विस्ट है. एंग्री यंग मैन के रूप में हमने पहले ही शाहिद कपूर को देखा है लेकिन एक बेबस पिता के भूमिका में भी उन्हें कमाल कर दिखाया है. शाहिद पहली बार एक टीनएज बेटे के पिता का किरदार निभा रहे हैं लेकिन अपनी एक्टिंग से उन्होंने एक पिता का इमोशन खूबसूरती से स्क्रीन पर साझा किया है.
शाहिद कपूर के साथ साथ रोनित रॉय ने भी सिकंदर के रूप में एक ऐसे विलन से हमें रूबरू कराया है, जिसे देखना एक मजेदार अनुभव है. संजय कपूर के किरदार के लिए कुछ खास करने का ज्यादा स्कोप नहीं है, फिर भी उन्होंने ऑडियंस को एंटरटेनमेंट करने का काम ईमानदारी से किया है.
समीर के रूप में राजीव खंडेलवाल भी अपने किरदार को पूरी तरह से न्याय दे रहे हैं. लेकिन डायना पेंटी इस फिल्म में कुछ खास प्रभावित नहीं कर पाती.
सिनेमेटोग्राफी और म्यूजिक
बादशाह का गाना हो या फिर फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक इस कहानी को और असरदार बनाता है. दिल्ली और बढ़ता क्राइम रेट, सिनेमाटोग्राफर ने कैमरा की लेंस से प्रभावी तरीके से दिखाया है.
क्यों देखें
ड्रामा, एक्शन, कॉमेडी से भरपूर ये फिल्म बड़ी ही तेजी से आगे बढ़ती हैं, कही पर भी ये कहानी आपको बोर नहीं करती. कोरोना काल और उस समय बढ़ी हुई मुश्किलें, लोगों का कोरोना की तरफ का रवैया भी इस कहानी में बिना कोई ज्ञान दिए काफी रसूख से साझा किया है, जिसे शायद लोग कनेक्ट कर पाए. फिल्म जियो सिनेमा पर फ्री में उपलब्ध है, ऐसे में शाहिद कपूर के फैन्स के लिए यह किसी लॉटरी से कम नहीं है.