इन दिनों सोशल मीडिया पर एक हैरान करने वाली खबर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही राजनीति से संन्यास लेने वाले हैं। कई फेसबुक, व्हाट्सएप ग्रुप्स और ट्विटर/X हैंडल्स पर एक पोस्ट शेयर की जा रही है, जिसमें बताया गया है कि मोदी जी 2024 के बाद प्रधानमंत्री पद छोड़ने की तैयारी में हैं और जल्द ही राजनीति से पूरी तरह संन्यास ले लेंगे। लेकिन क्या इस खबर में कोई सच्चाई है? या यह सिर्फ एक फर्जी अफवाह है? आइए इस खबर का फैक्ट चेक करते हैं और जानते हैं कि इस वायरल पोस्ट के पीछे का पूरा सच क्या है।
वायरल पोस्ट में क्या दावा किया जा रहा है?
वायरल हो रही पोस्ट में दावा किया गया है कि:
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद राजनीति से संन्यास ले लेंगे। वह अब राम मंदिर निर्माण के बाद खुद को पूरी तरह आध्यात्मिक कार्यों को समर्पित करेंगे।”
इस पोस्ट के साथ प्रधानमंत्री की एक तस्वीर भी शेयर की जा रही है, जिसमें वह ध्यान मुद्रा में बैठे हुए दिखाए गए हैं। पोस्ट को इस तरह पेश किया जा रहा है जैसे यह कोई आधिकारिक घोषणा हो।
क्या है इस वायरल पोस्ट की सच्चाई?
हमने इस वायरल दावे की फैक्ट चेकिंग की, और नीचे दी गई जानकारियों से यह पूरी तरह साफ हो जाता है कि यह पोस्ट फर्जी (Fake) है।
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कोई आधिकारिक ऐलान नहीं: भारत सरकार, प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) या भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से इस प्रकार का कोई भी आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
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नरेंद्र मोदी की हालिया गतिविधियां: प्रधानमंत्री मोदी लगातार चुनावी रैलियां, सरकारी योजनाओं के उद्घाटन और अंतरराष्ट्रीय दौरों में सक्रिय हैं। ऐसा कोई भी संकेत नहीं मिला है कि वह राजनीति से रिटायरमेंट लेने की योजना बना रहे हैं।
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बीजेपी की रणनीति: बीजेपी ने 2024 के चुनावों के लिए मोदी को ही चेहरा बनाकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। पार्टी के कई शीर्ष नेताओं ने बार-बार दोहराया है कि मोदी ही 2024 में भी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे।
वायरल पोस्ट कहां से आई?
इस फर्जी खबर की शुरुआत फेसबुक के एक ग्रुप से हुई थी, जहां किसी ने प्रधानमंत्री की एक एडिट की हुई फोटो के साथ यह दावा किया। फिर इसे ट्विटर और व्हाट्सएप पर भी फैलाया गया। कुछ यूट्यूब चैनलों ने भी इस पोस्ट को उठाकर वीडियो बनाए और "मोदी जी अब संन्यास लेंगे" जैसे सनसनीखेज थंबनेल लगाकर व्यूज़ बटोरने की कोशिश की। लेकिन गहराई से जांच करने पर साफ हुआ कि यह खबर पूरी तरह से मनगढ़ंत और भ्रामक है।
क्या 75 साल की उम्र में रिटायरमेंट का नियम लागू होता है?
भारतीय जनता पार्टी (BJP) में एक अनौपचारिक परंपरा रही है कि 75 साल की उम्र के बाद नेता सक्रिय पदों से अलग हो जाते हैं। इसका उदाहरण लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे नेताओं के साथ देखा गया है।लेकिन यह नियम कानूनी या संवैधानिक नहीं है। यह सिर्फ एक राजनीतिक नीति है, जिसे पार्टी बदल सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सितंबर 2025 में 75 वर्ष के होंगे। ऐसे में 2024 के चुनाव में उनके नेतृत्व को लेकर कोई बाधा नहीं है।
सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों का प्रभाव
इस तरह की फर्जी खबरें आम जनता को भ्रमित करती हैं और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती हैं। कई लोग इन अफवाहों पर विश्वास कर बैठते हैं, जिससे जनता के बीच गलतफहमियां फैलती हैं।
फर्जी खबरों के उदाहरण:
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“राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनेंगे” जैसी एडिटेड न्यूज क्लिप्स
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“मोदी जी ने कहा मैं थक गया हूं, अब संन्यास लूंगा” जैसी फेक स्पीच वीडियोज़ ऐसी हर खबर को बिना जांचे शेयर करना बेहद खतरनाक हो सकता है।
PIB और फैक्ट चेक एजेंसियों की पुष्टि
भारत सरकार की आधिकारिक फैक्ट चेक एजेंसी PIB Fact Check ने भी इस वायरल खबर को फेक न्यूज करार दिया है। उन्होंने ट्वीट कर बताया:
“प्रधानमंत्री मोदी के राजनीति से संन्यास लेने की खबर पूरी तरह से भ्रामक और फर्जी है। कृपया ऐसी खबरों पर विश्वास न करें और आगे शेयर न करें।”
जनता की प्रतिक्रिया: भरोसा नहीं हुआ
जब यह खबर वायरल हुई, तो सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं भी देखने लायक थीं। कुछ लोग हैरान रह गए, कुछ ने इसे अफवाह बताया और कुछ ने तुरंत सवाल उठाया कि अगर मोदी नहीं, तो फिर कौन?
कुछ प्रतिक्रियाएं:
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“ये तो झूठी खबर है, मोदी जी अभी बहुत काम करने वाले हैं।”
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“ये विरोधियों की साजिश है, 2024 से पहले ऐसी खबरें फैलाना कोई नई बात नहीं।”
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“अगर मोदी जी रिटायर हुए तो देश की राजनीति में बड़ा शून्य आ जाएगा।”
निष्कर्ष: खबर फर्जी है, सतर्क रहें
इस पूरे विश्लेषण से साफ हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रिटायरमेंट की खबर पूरी तरह से फर्जी और भ्रामक है। न तो किसी सरकारी एजेंसी ने इसकी पुष्टि की है और न ही प्रधानमंत्री या उनकी पार्टी की ओर से कोई ऐसा संकेत मिला है।