आज के डिजिटल युग में इंटरनेट और सोशल मीडिया सूचना के सबसे तेज माध्यम बन चुके हैं। लेकिन इसके साथ एक बड़ी चुनौती भी सामने आई है—फेक न्यूज (Fake News) की। सोशल मीडिया पर किसी भी वीडियो या तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर करना बहुत ही आसान हो गया है, और इसका असर समाज के ताने-बाने पर गंभीर रूप से पड़ता है।
ताजा मामला एक मुस्लिम युवक की टोपी खींचने से जुड़ा हुआ है। सोशल मीडिया पर इस घटना का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक बाइक सवार युवक राह चलते एक व्यक्ति की टोपी खींचता हुआ दिखाई दे रहा है। वीडियो को कुछ यूजर्स ने सांप्रदायिक एंगल से शेयर किया है, जिससे समाज में धार्मिक तनाव भड़काने की कोशिश की जा रही है।
क्या हो रहा है वायरल?
फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर एक खास वीडियो तेजी से शेयर किया जा रहा है। एक फेसबुक यूजर ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा:
“एक दंगाई अंध भक्त राह चलते मुस्लिम की टोपी खिंच रहा था फिर क्या था अब्दुल ने सारा नशा उतार दिया। मुसलमानों जब तक इनसे डरोगे, ये ऐसे ही परेशान करेंगे।”
इसके अलावा भी कई यूजर्स ने वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया है, जिससे लोगों में गुस्सा, डर और घृणा फैल रही है।
फैक्ट चेक में निकला सच
हमने इस वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए इसकी जांच-पड़ताल की। सबसे पहले हमने वीडियो के 'की-फ्रेम्स' (frames) को लेकर गूगल लेंस पर रिवर्स इमेज सर्च किया। इस दौरान हमें एक यूट्यूब चैनल मिला जिसका नाम था “मुक्लेसुर भाईजान”। इस चैनल पर यही वीडियो 26 नवंबर 2024 को पोस्ट किया गया था।
जब हमने इस चैनल की जांच की, तो साफ हुआ कि यह एक स्क्रिप्टेड वीडियो चैनल है। चैनल के बायो में साफ-साफ लिखा गया है कि वे केवल मनोरंजन के उद्देश्य से स्क्रिप्टेड वीडियोज बनाते हैं। इसके अलावा चैनल पर हमें कई और वीडियो मिले जिनका स्टाइल और प्रजेंटेशन लगभग एक जैसा था, और सभी स्क्रिप्टेड ही थे।
स्क्रिप्टेड वीडियो को सच मानकर फैलाया गया झूठ
इस वायरल वीडियो की असलियत यह है कि इसे जानबूझकर प्लान करके शूट किया गया था। इसका कोई असली घटना से लेना-देना नहीं है। वीडियो में दिख रहे सभी लोग एक्टर्स हैं, और इसे केवल एंटरटेनमेंट कंटेंट के तौर पर बनाया गया था। लेकिन कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने इसे हकीकत के तौर पर प्रचारित कर दिया, और धार्मिक भावना भड़काने की कोशिश की।
क्यों है यह खतरनाक?
फेक न्यूज और गलत दावों के साथ वायरल वीडियो समाज में अफवाहें, नफरत और हिंसा को जन्म देते हैं। यह एक बेहद खतरनाक ट्रेंड बन चुका है, जहां स्क्रिप्टेड वीडियो को असली बताकर वायरल किया जाता है। इससे न केवल लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं, बल्कि कानून-व्यवस्था भी बिगड़ सकती है।
सोशल मीडिया यूजर्स से अपील
सोशल मीडिया पर कोई भी वीडियो या खबर देखने के बाद उसे शेयर करने से पहले उसकी सच्चाई की पुष्टि अवश्य करें। कई बार हम भावनाओं में बहकर ऐसी पोस्ट शेयर कर देते हैं, जो समाज के लिए हानिकारक बन जाती हैं। याद रखें, फेक न्यूज को रोकना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।
निष्कर्ष
इस वायरल वीडियो के फैक्ट चेक में साफ हो गया है कि यह पूरी तरह से स्क्रिप्टेड वीडियो है और इसका उद्देश्य केवल मनोरंजन था। सोशल मीडिया पर इसे गलत सांप्रदायिक दावे के साथ फैलाना एक सुनियोजित अफवाह है। हम सभी को चाहिए कि ऐसे मामलों में सोच-समझकर कदम उठाएं, और किसी भी जानकारी को शेयर करने से पहले उसकी सत्यता की जांच करें।