मुंबई, 29 मार्च, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि सभी अरब देश इजराइल को मान्यता देने के लिए तैयार हैं। अमेरिकी मीडिया CNN के मुताबिक, बाइडेन ने जंग के बाद गाजा की स्थिति और टू-स्टेट सोल्यूशन का जिक्र किया। यहां टू-स्टेट सॉल्यूशन का मतलब इजराइल और फिलिस्तीन को स्वतंत्र राज्य के तौर पर मान्यता देने से है। बाइडेन ने कहा, मैं अभी विस्तार से जानकारी नहीं दूंगा। लेकिन देखिए, मैं सउदी, मिस्र, जॉर्डन और कतर समेत अन्य अरब देशों के साथ काम कर रहा हूं। वे पहली बार इजराइल को पूरी तरह से मान्यता देने के लिए तैयार हैं। लेकिन इसके लिए गाजा को लेकर कोई प्लान होना चाहिए। एक टू-स्टेट सॉल्यूशन होने चाहिए। यह आज हो ये जरूरी नहीं, लेकिन इसमें कुछ प्रोग्रेस होनी चाहिए। मुझे लगता है कि हम ऐसा कर सकते हैं। CNN की रिपोर्ट के मुताबिक बाइडेन की यह टिप्पणी बताती है कि वो चाहते हैं कि इजराइल, गाजा में फिलिस्तीनी नागरिकों को सुरक्षित रखे।
आपको बता दें, इजराइल सरकार ने हाल ही में माना था कि सऊदी से बैकडोर डिप्लोमैसी के तहत बातचीत जारी है और अमेरिका मीडिएटर का रोल प्ले कर रहा है। अमेरिकी फॉरेन सेक्रेटरी ने भरोसा दिलाया था कि इस प्रोसेस में फिलिस्तीन के मुद्दों और हितों को ध्यान में रखा जाएगा। तब इजराइल-सऊदी मामलों के एक्सपर्ट सलाम सेजवानी ने कहा था- सितंबर 2020 में अमेरिका ने अब्राहम अकॉर्ड कराया था। ये बहुत बड़ी कामयाबी थी। अब्राहम अकॉर्ड के वक्त डोनाल्ड ट्रम्प प्रेसिडेंट थे। उस वक्त UAE, बहरीन, मोरक्को और सूडान ने इजराइल को मान्यता दी। आज इजराइल और UAE के बीच डिफेंस और ट्रेड रिलेशन बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं।
दरअसल, अरब देशों ने 2002 में इजराइल को मान्यता देने की पेशकश की थी। शर्त रखी थी कि इजराइली कब्जे वाले वेस्ट बैंक और गाजा को फिलिस्तीनी राज्य माना जाए और पूर्वी यरुशलम को फिलिस्तीन की राजधानी बनाया जाए। लेकिन तब इजराइल ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। सऊदी अरब समेत कई अरब देशों ने अब तक इजराइल को एक देश के तौर पर मान्यता नहीं दी है। इसलिए इजराइल के इन देशों के साथस डिप्लोमैटिक रिलेशन्स नहीं है। सऊदी का कहना है कि वो इजराइल के साथ संबंध सामान्य कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए उसे 2002 के अरब शांति प्रस्ताव की शर्तें माननी होंगी। 2002 में तय हुआ था कि इजराइल को उन सभी क्षेत्रों से अपना कब्जा हटाना होगा जो उसने 1967 की जंग के दौरान किया। फिलिस्तीन को एक आजाद मुल्क मानना होगा। पूर्वी यरुशलम को उसकी राजधानी माननी होगी। इन शर्तों में सभी अरब देशों की सहमति थी।