मुंबई, 08 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने इतिहास रचते हुए भेड़िए की विलुप्त प्रजाति डायर वुल्फ को दोबारा जन्म दिया है। अमेरिका के डलास की बायोटेक कंपनी कोलोसल बायोसाइंसेज ने इस कारनामे को अंजाम दिया है। कंपनी ने पुराने DNA, क्लोनिंग और जीन एडिटिंग तकनीकों के सहारे 13,000 साल पहले विलुप्त हो चुके डायर वुल्फ प्रजाति के तीन शावकों को जन्म दिया है। इनमें दो नर और एक मादा है। डायर वुल्फ बड़े शिकारी भेड़िये होते थे। ये आकार में आज के ग्रे वुल्फ से बड़े, अधिक ताकतवर और ठंडे इलाकों में रहने में सक्षम थे। इनका सिर चौड़ा, जबड़ा मजबूत और फर घना सफेद होता था। यह प्रजाति उत्तरी अमेरिका के जंगलों की सबसे खतरनाक शिकारी थी।
तो वहीं, कोलोसल बायोसाइंसेज के वैज्ञानिकों ने ओहियो की शेरिडन गुफा से 13,000 साल पुराने दांत और इडाहो से 72,000 साल पुरानी खोपड़ी से डीएनए निकाला। उसके बाद इनसे डायर वुल्फ के दो हाई-क्वालिटी जीनोम तैयार किए गए। डायर वुल्फ की विशेषताओं जैसे सफेद फर और लंबे, घने बालों की पहचान के लिए इन जीनोम को ग्रे वुल्फ, लोमड़ी और जैकाल से मैच किया गया। इसके बाद CRISPR जीन एडिटिंग तकनीक की मदद से ग्रे वुल्फ की कोशिकाओं में 20 जेनेटिक बदलाव किए गए। इन एडिटेड कोशिकाओं से भ्रूण बनाए गए और उन्हें मिक्स ब्रीड नस्ल के हाउंड कुत्तों के गर्भ में ट्रांसप्लांट किया गया। इसके बाद 1 अक्टूबर 2024 को दो नर शावक रोमुलस और रेमुस का जन्म हुआ। इसके बाद 30 जनवरी 2025 को मादा शावक खलीसी का जन्म हुआ। वहीं, बायोटेक कंपनी कोलोसल बायोसाइंसेज के मुताबिक ये शावक सिर्फ प्रदर्शनी के लिए होंगे। इन्हें बच्चे पैदा नहीं करने दिए जाएंगे। तीनों शावक फिलहाल 2,000 एकड़ के एक सीक्रेट इलाके में रखे गए हैं। इस इलाके को 10 फीट ऊंची बाड़ से घेरा गया है। यह जगह अमेरिकी कृषि विभाग में रजिस्टर्ड हैं। इसकी सुरक्षा के लिए ड्रोन, कैमरे और सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। कोलोसल ने 2021 से मैमथ, डोडो और तस्मानियाई टाइगर को दोबारा पैदा करने के लिए काम शुरू किया था, लेकिन डायर वुल्फ पर उसका काम अब तक गुप्त रखा गया था।