ताजा खबर
Bisalpur Dam : जयपुर को आज मिली सबसे बड़ी खुशखबरी! बीसलपुर बांध में पानी भरने का आज तक का रिकॉर्ड टूट...   ||    अरविंद केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई : अदालत आबकारी नीति मामले में सीबीआई के खिलाफ दिल्ली के मुख...   ||    सीपीएल 2024: तेजतर्रार निकोलस पूरन ने तोड़ा क्रिस गेल का रिकॉर्ड!   ||    Bengal Bandh Today Live News: बीजेपी का 12 घंटे के लिए बंगाल बंद; सरकारी कर्मचारियों को ममता का निर्...   ||    Janmashtami Vrat Katha: वीडियो में देखें भगवान विष्णु ने आधी रात में क्यों लिया कृष्णावतार, जानें जन...   ||    इस महाराजा ने 50,000 रुपए में खरीदी थी विदेशी बीवी, लेकिन शादी में आई ये अड़चन, यहां पढ़े अजब प्रेम ...   ||    Petrol Diesel Price Today: राजस्थान के इस शहर में आज इतना सस्ता हुआ पेट्रोल और डीजल, आपके यहां क्या ...   ||    पूर्व PM इंदिरा गांधी की रिहाई के लिए प्लेन हाईजैक करने वाले भोलानाथ पांडेय का निधन, जानिए अनसुना कि...   ||    कोलकाता रेप-मर्डर केस-11 दिन बाद AIIMS डॉक्टरों की हड़ताल खत्म:CJI ने कहा था काम पर लौट आएं, राज्य सर...   ||    क्या जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए हाथ मिलाएंगे नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस? राहुल गांधी के दौ...   ||   

लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण के नाम पर करोड़ों वसूल रहे माफिया, जानिए पूरा मामला

Photo Source :

Posted On:Thursday, July 4, 2024

मुंबई, 04 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। राजीव गांधी की हत्या के मास्टरमाइंड वेलुपिल्लई प्रभाकरण के परिवार ने आरोप लगाया है कि कुछ लोग लिट्टे के नेता के जिंदा होने के दावा करके तमिलों से करोड़ों रुपए वसूल रहे हैं। प्रभाकरण के बड़े भाई मनोहरण के बेटे कार्तिक मनोहरण ने IANS से बातचीत में बताया कि एक माफिया गैंग प्रभाकरण के नाम को ब्रांड की तरह इस्तेमाल कर रहा है। इसके जरिए यह गैंग विदेश में रहे रहे तमिलों से फंड इकट्ठा कर रहा है। कार्तिक ने कहा कि प्रभाकरण के नाम पर लिया जा रहा पैसा न तो उनके परिजनों और न ही गरीब तमिलों तक पहुंच रहा है। विदेश में मौजूद भारतीयों इस फ्राड से दूर रहें। 

दरअसल, 1983 में श्रीलंका छोड़ने के बाद से मनोहरण का परिवार सुर्खियों से दूर रहा है। पिछले साल 27 नवंबर को स्विट्जरलैंड में प्रवासी भारतीयों ने प्रभाकरण की बेटी द्वारका प्रभाकरण की AI से बनाई गई वीडियो स्पीच जारी की थी। इसके बाद मनोहरण के परिवार ने अपील की थी कि उनके परिवार से जुड़े झूठे वीडियोज साझा न किए जाएं।  कार्तिक मनोहरण ने कहा था कि प्रभाकरण और उनके परिवार की साल 2009 में मौत हो गई थी। अगर वे जिंदा होते तो संपर्क जरूर करते। जब वे श्रीलंका में थे, तब भी हमेशा कॉन्टैक्ट में रहते थे। उनसे आखिरी संपर्क 2008 में ही हुआ था। श्रीलंका में तमिलों के खिलाफ जंग की शुरुआत होते ही 1983 में प्रभाकरण के भाई अपने परिवार और माता-पिता को लेकर वापस लौट आए थे। इस लड़ाई में तमिलों का नेतृत्व लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम यानी LTTE के लड़ाके कर रहे थे। यह वही समय था जब पाकिस्तान, सिंगापुर और दक्षिण अफ्रीका से मिले हथियारों के बूते ताकतवर हुई श्रीलंकाई सेना ने अल्पसंख्यक तमिलों के गढ़ जाफना को घेर लिया था। सिंघली भाषा बोलने वाले बहुसंख्यकों के अत्याचारों से परेशान होकर तमिलों ने हथियार उठा रखे थे। वे अलग देश की मांग कर रहे थे। 1987 को शांति लाने के नाम पर भारत-श्रीलंका के बीच एक समझौता हुआ था। इसके तहत भारतीय सेना को दोनों पक्षों के बीच शांति बनाए रखने और तमिल गुटों से हथियार डलवाने थे, लेकिन LTTE इसके लिए राजी नहीं हुआ। धीरे-धीरे श्रीलंकाई सेना और LTTE के बीच की ये जंग भारतीय सेना और LTTE के बीच की जंग में बदल गई। सैकड़ों भारतीय जवान शहीद हुए और सैकड़ों घायल हो गए। इसके बाद बोफोर्स घोटाले में फंसी कांग्रेस सरकार साल 1989 का चुनाव हार गई।


भोपाल और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. Bhopalvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.