मुंबई, 6 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। चीन ने भारत की G20 प्रेसिडेंसी का समर्थन किया है। उन्होंने भारत के साथ द्विपक्षीय रिश्तों को भी स्थिर बताया है। दरअसल, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग G20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत नहीं आ रहे हैं। उनकी जगह चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग डेलीगेशन के साथ शामिल होंगे। बैठक से पहले बीते दिन चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया। उन्होंने कहा, हमने हमेशा समिट के लिए भारत की मेजबानी का स्वागत किया है। हम सभी सदस्यों के साथ मिलकर इसे कामयाब बनाने के लिए काम करने को तैयार हैं। भारत और चीन के रिश्ते स्थिर हैं और हमने लगातार अलग अलग स्तर पर बातचीत जारी रखी है। आपको बता दें, भारत और चीन के बीच 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद से तनाव जारी है। इसी बीच अगस्त में ब्रिक्स समिट के दौरान PM मोदी और जिनपिंग ने बातचीत की थी। तब दोनों नेताओं के बीच रिश्ते सुधारने और लद्दाख पर सैनिकों को कम करने को लेकर सहमति भी बनी थी।
G20 समिट में चीन और रूस के राष्ट्रपति के न शामिल होने पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, ये उनका फैसला है। इसका भारत से कोई लेना देना नहीं है। दोनों देशों से प्रतिनिधि बैठक में शामिल होने आएंगे। ऐसा पहले भी हुआ है, जब राष्ट्राध्यक्ष बैठक में शामिल नहीं हुए हैं। साथ ही, समिट के दौरान आम सहमति बनने पर जयशंकर ने कहा, ऐसे कई मुद्दे हैं, जिन पर महीनों से काम चल रहा है। ये एक दिन में नहीं होता। अलग-अलग देशों के मंत्री प्रोसीजर को आगे बढ़ाने की कोशिश में लगे हुए हैं।
तो वहीं, चीन ने भारत के साथ रिश्तों पर कहा, दोनों देशों के संबंधों में लगातार ग्रोथ हमारे कॉमन इंटरेस्ट के लिए जरूरी है। हम भारत के साथ अपने रिश्तों को और मजबूत करने के लिए काम करने को तैयार हैं। वहीं अमेरिका ने समिट में चीन के शामिल होने पर कहा- ये उन पर निर्भर करता है कि वो क्या भूमिका निभाना चाहते हैं। अगर वो सम्मेलन में आकर इसे खराब करना चाहते हैं, तो उनके पास ये ऑप्शन भी मौजूद है। अमेरिका के NSA जेक सुलीवन समिट पर भारत-चीन के रिश्तों का असर पड़ने से जुड़े एक सवाल पर कहा, हमें लगता है भारत बाकी सभी सदस्यों की तरह चीन को समिट में शामिल होकर अहम मुद्दों पर चर्चा के लिए प्रेरित करेगा। अब ये चीन पर निर्भर करता है कि वो वहां क्या चाहता है।