मुंबई, 30 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अजरबैजान के विदेश मंत्री जेहुन बायरामोव दो दिवसीय यात्रा पर पाकिस्तान में हैं। यात्रा के दूसरे दिन उन्होंने पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ दिया। जेहुन बायरामोव ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर अजरबैजान की स्थिति हमेशा एक जैसी रही है। अजरबैजान कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थक है। हमारा मानना है कि कश्मीर समस्या का समाधान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत होना चाहिए। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अजरबैजान के विदेश मंत्री ने नागोर्नो-काराबाख मुद्दे पर पाकिस्तान सरकार के राजनीतिक और नैतिक समर्थन की भी सराहना की। इसके जवाब में पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने बारयामोव के कश्मीर मुद्दे को उठाने पर उनका धन्यवाद दिया।
आपको बता दें, अजरबैजान के भारत से नाराज होने की वजह ये है कि भारत अर्मेनिया को समर्थन देता है। जबकि अजरबैजान और अर्मेनिया के बीच सीमा विवाद के चलते सालों से तनाव की स्थिति है। दरअसल, नागोर्नो-काराबाख इलाका तीन दशक से भी अधिक समय से अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच विवाद का कारण बना हुआ है। दोनों देश इस इलाके पर कब्जा करना चाहते हैं। ये इलाका अंतरराष्ट्रीय रूप से अजरबैजान का हिस्सा है, लेकिन यहां रहने वाली अधिकांश आबादी आर्मेनियाई मूल की है। यही वजह है कि दोनों देश इस इलाके को अपना हिस्सा बताते हैं। 1991 में नागोर्नो-कारबाख के लोगों ने अजरबैजान से आजादी और खुद को आर्मेनिया का हिस्सा घोषित कर दिया था। इसके बाद से आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच इस हिस्से पर कब्जा करने को लेकर संघर्ष होता रहता है। आर्मेनिया-अजरबैजान के बीच अब तक 2 बड़ी लड़ाईयां हो चुकी हैं। दोनों देशों के बीच 2023 में भी झड़प हुई थी। इस इलाके में चलने वाले संघर्ष की वजह से अभी तक 30 हजार से ज्यादा आम नागरिक मारे जा चुके हैं।