मुंबई, 03 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन ने बुधवार को चीन की राजधानी बीजिंग में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक के बाद किम के गार्ड्स उनका इस्तेमाल किया हुआ गिलास अपने साथ ले गए और उस कुर्सी-टेबल को भी अच्छी तरह साफ किया, जिस पर वे बैठे थे। रूसी पत्रकार अलेक्जेंडर युनाशेव के अनुसार, गार्ड्स ने इस तरह सफाई की कि वहां किम का कोई भी निशान न रह जाए। विशेषज्ञों का मानना है कि यह रूस या चीन की जासूसी से बचने का कदम हो सकता है, या फिर किम अपनी सेहत की जानकारी छिपाना चाहते हैं। किसी भी व्यक्ति के फिंगरप्रिंट और मल-मूत्र से उसका डीएनए और स्वास्थ्य संबंधी गुप्त जानकारी हासिल की जा सकती है। कहा जाता है कि अगर किसी नेता की स्वास्थ्य रिपोर्ट बाहर आ जाए तो विपक्षी देश उसकी कमजोरियों का फायदा उठा सकते हैं। यही कारण है कि कई देशों की सुरक्षा एजेंसियां विदेश दौरों पर अपने नेताओं के फिंगरप्रिंट साफ कर देती हैं और उनका मल-मूत्र भी अपने साथ वापस ले जाती हैं।
इस मुलाकात में किम और पुतिन काफी उत्साहित दिखे। दोनों नेताओं ने साथ में चाय पी और बातचीत की। किम ने पुतिन से कहा कि वे रूस के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। पुतिन ने उत्तर कोरिया को यूक्रेन में सैनिक भेजने के लिए धन्यवाद भी दिया। कोविड-19 महामारी के बाद किम का यह पहला चीन दौरा था, जहां उन्होंने पुतिन के साथ विक्ट्री डे परेड में भी हिस्सा लिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह सुरक्षा प्रोटोकॉल केवल किम तक सीमित नहीं है। पिछले महीने अमेरिका के अलास्का में डोनाल्ड ट्रम्प और पुतिन की मुलाकात के दौरान भी पुतिन के बॉडीगार्ड्स एक विशेष "पूप सूटकेस" लेकर पहुंचे थे, जिसमें पुतिन का मल-मूत्र एकत्र किया गया। कहा जाता है कि यह प्रक्रिया उनके स्वास्थ्य संबंधी जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए की जाती है। हालांकि, क्रेमलिन ने हमेशा इन रिपोर्ट्स को अफवाह बताते हुए खारिज किया है।