ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के लिए एशेज सीरीज से ठीक पहले आई चोट की खबर अब एक बड़ा झटका बन चुकी है। तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड, जो शुरुआती दो टेस्ट मुकाबलों में चोट के कारण नहीं खेल पाए थे, अब आधिकारिक तौर पर पूरी एशेज सीरीज से बाहर हो गए हैं। टीम मैनेजमेंट को उम्मीद थी कि तीसरे टेस्ट तक वह फिट हो जाएंगे, लेकिन रिहैब के दौरान एक बार फिर हैमस्ट्रिंग में दर्द महसूस होने के बाद उनके वापसी के सारे अनुमान ध्वस्त हो गए।
हेजलवुड की चोट बनी चिंता का कारण
एशेज से पहले घरेलू क्रिकेट के दौरान हेजलवुड की हैमस्ट्रिंग चोट हल्की बताई गई थी और माना जा रहा था कि दो सप्ताह के आराम के बाद वे मैदान पर लौट आएंगे। रिहैब की प्रक्रिया भी समय पर शुरू कर दी गई थी, लेकिन रिकवरी के दौरान दोबारा दर्द उभरना टीम के लिए किसी बड़ी परेशानी से कम नहीं है।
टीम के मुख्य कोच एंड्रू मैकडोनाल्ड ने पुष्टि की कि हेजलवुड अब पूरे दौरे से बाहर हो चुके हैं। उन्होंने कहा:“यह खिलाड़ी और टीम दोनों के लिए बेहद निराशाजनक है। हमें पूरा विश्वास था कि जोश इस सीरीज में निर्णायक भूमिका निभा सकते थे, लेकिन चोट ने सभी प्लान बदल दिए।”
हेजलवुड अब टी20 वर्ल्ड कप 2026 से पहले पूरी फिटनेस हासिल करने पर ध्यान देंगे। उनके लिए यह फैसला जरूरी था, क्योंकि दोबारा चोटिल होने का जोखिम टीम और करियर दोनों के लिए गंभीर साबित हो सकता था।
पैट कमिंस की वापसी से टीम में उत्साह
जहां हेजलवुड के बाहर होने की खबर ने ऑस्ट्रेलियाई खेमे में चिंता बढ़ाई, वहीं दूसरी ओर पैट कमिंस की वापसी ने टीम में ऊर्जा भर दी है। कमिंस लंबे समय से रिहैब और रेस्ट पर थे, लेकिन अब वह पूरी तरह फिट घोषित कर दिए गए हैं और तीसरे टेस्ट में कप्तानी करते हुए नजर आएंगे।
कमिंस पिछले कुछ महीनों से टीम के साथ मल्टी-फॉर्मेट शेड्यूल में शामिल नहीं हो रहे थे, लेकिन टीम के साथ ट्रेवल कर रहे थे और पुनर्वास प्रक्रिया का पालन कर रहे थे। अब एडिलेड में होने वाले मुकाबले में सभी निगाहें उन पर होंगी। ऑस्ट्रेलिया अभी सीरीज में 2-0 से आगे है और कमिंस की अगुवाई में टीम तीसरा मैच जीतकर ट्रॉफी अपने नाम करना चाहेगी।
टीम कॉम्बिनेशन में बदलाव जरूरी
हेजलवुड के बाहर होने से गेंदबाजी संयोजन में बदलाव साफ दिखाई देगा। मिचेल स्टार्क और स्कॉट बोलैंड पहले दो मैचों में अच्छा प्रभाव छोड़ चुके हैं और अब तीसरे टेस्ट में भी प्रमुख भूमिका में रहेंगे। टीम मैनेजमेंट मारकस हैरिस और जैक्सन बर्ड जैसे विकल्पों पर भी विचार कर सकता है, ताकि तेज गेंदबाजी में विविधता बनाए रखी जा सके। कमिंस की वापसी से टीम के नेतृत्व और रणनीति में मजबूती आएगी। उनके अनुभव और आक्रामक कप्तानी के सामने इंग्लैंड पर दबाव और बढ़ सकता है। इंग्लिश बल्लेबाज श्रृंखला में पहले ही संघर्ष करते नजर आ रहे हैं और अब कमिंस का फिट होकर लौटना उनके लिए चुनौती और भी कठिन बना देगा।
सीरीज पर असर
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हेजलवुड की चोट से ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाजी में जरूर कमी आएगी
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कमिंस की कप्तानी टीम की मनोवैज्ञानिक बढ़त को मजबूत करेगी
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इंग्लैंड को अब तीसरे टेस्ट में नई रणनीति के साथ उतरने की जरूरत पड़ेगी
कुल मिलाकर, हेजलवुड का बाहर होना ऑस्ट्रेलिया के लिए झटका तो है, लेकिन कमिंस की फिटनेस और वापसी टीम के मनोबल को बनाए रखेगी। एडिलेड टेस्ट न सिर्फ ट्रॉफी का फैसला करने वाला मुकाबला होगा, बल्कि इस बात पर भी नजरें टिकी होंगी कि कमिंस वापसी के बाद किस अंदाज में कमान संभालते हैं।