आज शाम जब भारतीय क्रिकेट टीम साउथ अफ्रीका के खिलाफ टी-20 सीरीज में मैदान में उतरेगी, तो सभी की निगाहें एक नाम पर होंगी: हार्दिक पांड्या. एशिया कप के दौरान लगी चोट के कारण दो महीने से अधिक समय तक टीम से बाहर रहे यह स्टार ऑलराउंडर अब मैदान पर दमदार वापसी के लिए पूरी तरह से तैयार है. उनकी वापसी से न केवल टीम को मजबूती मिलेगी, बल्कि आगामी विश्व कप की तैयारियों को भी एक नई दिशा मिलेगी.
हार्दिक पांड्या: एक ऐसा ऑलराउंडर जिसका कोई विकल्प नहीं
हार्दिक पांड्या की वापसी से पहले, भारत के पूर्व बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ ने उनकी क्षमता की जमकर प्रशंसा की है. जियोसिनेमा (JioCinema) पर विशेषज्ञ के तौर पर मौजूद बांगड़ ने स्पष्ट रूप से कहा कि नेशनल टी-20 टीम में हार्दिक पांड्या जैसा दूसरा कोई खिलाड़ी नहीं है, क्योंकि यह ऑलराउंडर किसी भी विशेषज्ञ बल्लेबाज या गेंदबाज के रूप में भी टीम में अपनी जगह बना सकता है.
बांगड़ ने कहा, "विश्व क्रिकेट के सभी ऑलराउंडर पर गौर करिए. क्या इंग्लैंड के पास बेन स्टोक्स की जगह लेने के लिए कोई खिलाड़ी तैयार है? नहीं. वनडे या टेस्ट क्रिकेट में भी रविंद्र जडेजा का कोई बैकअप नहीं है. हार्दिक पांड्या के साथ भी यही स्थिति है."
बांगड़ ने हार्दिक की काबिलियत पर जोर देते हुए कहा:
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"वह (पांड्या) अकेले अपनी बल्लेबाजी के दम पर टॉप फाइव में जगह बना सकते हैं."
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"अगर वह केवल गेंदबाज होते, तो किसी भी टीम के शीर्ष तीन तेज गेंदबाजों में से एक हो सकते थे."
बांगड़ के अनुसार, "उस तरह का ऑलराउंडर बनने के लिए आपको अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में से किसी भी एक के दम पर टीम में जगह बनाने में सक्षम होना चाहिए. भारतीय टीम में हार्दिक पांड्या जैसा कोई दूसरा खिलाड़ी नहीं है." यह टिप्पणी हार्दिक को भारतीय टीम के लिए एक अद्वितीय और अपरिहार्य खिलाड़ी के रूप में स्थापित करती है.
वर्कलोड मैनेजमेंट: संतुलन के लिए अहम
हार्दिक के टीम में होने के महत्व को समझते हुए, बांगड़ ने उनके वर्कलोड मैनेजमेंट पर भी बात की. उन्होंने सुझाव दिया कि इस ऑलराउंडर को साउथ अफ्रीका के खिलाफ आगामी टी-20 सीरीज के कम से कम पहले तीन मैच जरूर खेलने चाहिए.
बांगड़ ने कहा, "हमें देखना होगा कि वह परिस्थितियों से कैसे सामंजस्य से बिठाते हैं. अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि उन्हें विश्व कप से पहले छह या सात टी-20 मैच खेलने चाहिए या नहीं." उन्होंने टीम मैनेजमेंट को महत्वपूर्ण खिलाड़ियों के वर्कलोड मैनेजमेंट पर ध्यान देने की सलाह दी.
पूर्व कोच के मुताबिक, "हार्दिक जैसा खिलाड़ी अगर पूरी तरह से फिट हो, तो वह टीम में संतुलन पैदा करता है और उसकी मौजूदगी से टीम मनचाहा संयोजन तैयार कर सकती है. इसलिए, उनका टीम में होना बेहद महत्वपूर्ण है."
संक्षेप में, हार्दिक पांड्या की वापसी न सिर्फ एक खिलाड़ी की वापसी है, बल्कि यह टीम के संतुलन और संयोजन को मजबूत करने का संकेत है, जिसकी आवश्यकता आगामी बड़े टूर्नामेंटों को देखते हुए सबसे अधिक है.