मुंबई, 4 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन) जैसे-जैसे पारा 50 डिग्री से ऊपर बढ़ता है, हमारे स्वास्थ्य का अच्छे से ख्याल रखना और खुद को अत्यधिक गर्मी की स्थिति से बचाना महत्वपूर्ण हो जाता है। देश भर के कई राज्यों में उच्च तापमान और लू के थपेड़ों के कारण, कई लोगों को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
मौजूदा लू के दौरान उचित सावधानी न बरतने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें थकावट, दिल का दौरा, फेफड़ों की बीमारियाँ, किडनी की समस्याएँ और यहाँ तक कि जानलेवा स्थितियाँ भी शामिल हैं।
अत्यधिक लू के कारण होने वाली एक और महत्वपूर्ण स्वास्थ्य समस्या है आँख का दौरा, जिसके परिणामस्वरूप दृष्टि की हानि हो सकती है। गर्म मौसम निर्जलीकरण को प्रेरित कर सकता है, जिससे ऑप्टिक तंत्रिका के सामने के ऊतकों में रक्त का प्रवाह बाधित हो सकता है, जिससे दृष्टि की हानि हो सकती है।
आँख के दौरे के लक्षण-
धुंधली दृष्टि:
यदि किसी व्यक्ति को अचानक से धुंधली दृष्टि या एक या दोनों आँखों में दृश्य स्पष्टता में कमी का अनुभव होता है, तो यह आँख के दौरे का लक्षण हो सकता है।
अचानक दृष्टि हानि:
सबसे आम लक्षण, अचानक आंशिक या पूर्ण अंधापन, आँख के दौरे का संकेत देता है।
विकृत दृष्टि:
आँख का लहरदार हो जाना या अचानक सीधी रेखाएँ दिखाई देना।
ब्लाइंड स्पॉट:
दृष्टि के क्षेत्र में अचानक ब्लैकआउट या छाया।
क्या इसका कोई उपचार है?
चिकित्सा सहायता लें:
जब आप दृष्टि की हानि का अनुभव करते हैं तो सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अपने डॉक्टर से मिलें जो आपको आवश्यक उपचार प्रदान करेगा।
दवा:
कुछ दवाएँ इंट्राओकुलर दबाव को कम कर सकती हैं और रक्त के थक्कों को घोल सकती हैं, लेकिन उन्हें केवल चिकित्सकीय देखरेख में ही लें।
हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी:
हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी (HBOT) रेटिना तक पहुँचने वाली ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाने में मदद करती है और धमनियों को चौड़ा भी कर सकती है, जिससे स्पष्ट दृष्टि हो सकती है।
सर्जरी:
गंभीर मामलों में, स्वास्थ्य विशेषज्ञ आपकी दृष्टि वापस पाने के लिए शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं से गुजरने की सलाह दे सकते हैं।
ऑक्यूलर मसाज:
यह आपकी आँखों के अंदर दबाव को कम करने की एक सरल प्रक्रिया है जिसके परिणामस्वरूप स्पष्ट दृष्टि हो सकती है।
इसे कैसे रोका जा सकता है?
हाइड्रेटेड रहें:
गर्मियों के मौसम में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पूरे दिन हाइड्रेटेड रहें। आंखें पानी पर निर्भर रहती हैं और आंसू के रूप में उन्हें चिकनाई प्रदान करती हैं, इसलिए आपको पर्याप्त पानी पीना चाहिए।
धूप में निकलने से बचें:
जब भी संभव हो धूप वाले दिनों में बाहरी गतिविधियों को कम से कम करें।
सुरक्षात्मक गियर का उपयोग करें:
बाहर जाते समय धूप का चश्मा और टोपी पहनें या छाता साथ रखें।
स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखें:
पानी से भरपूर खाद्य पदार्थ और विटामिन युक्त खाद्य पदार्थ खाएं, विशेष रूप से पपीता, आम, शकरकंद और गाजर में पाया जाने वाला विटामिन ए।
धूम्रपान न करें:
धूम्रपान से बचें क्योंकि इससे मोतियाबिंद और ड्राई आई सिंड्रोम का खतरा बढ़ सकता है।