मुंबई, 27 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) जब भी आप प्याज को छीलते हैं, तो कभी-कभी उस पर काले रंग की धारियाँ (streaks) या धब्बे (spots) दिखाई देते हैं। ये निशान देखकर अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या ये मोल्ड (फंगस) हैं और क्या पूरी प्याज को फेंक देना चाहिए।
पोषण विशेषज्ञों के अनुसार, यह समस्या आम है, और घबराने की बजाय इसे सही तरीके से संभालना महत्वपूर्ण है।
काले धब्बों का कारण क्या है?
रजिस्टर्ड डाइटिशियन गरिमा गोयल के अनुसार, प्याज पर दिखने वाले ये काले धब्बे आमतौर पर 'ब्लैक मोल्ड' होते हैं, जो मिट्टी में पाए जाने वाले एक सामान्य कवक (fungus) 'एस्परजिलस नाइजर' (Aspergillus niger) के कारण होते हैं।
यह फंगस हवा और मिट्टी में पनपता है और नमी वाले स्टोरेज या प्याज पर चोट लगने की स्थिति में फैल जाता है, खासकर प्याज की सतह या गर्दन के हिस्से पर।
क्या ये प्याज हानिकारक है?
विशेषज्ञों के मुताबिक, एस्परजिलस नाइजर से दूषित प्याज का सेवन स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है। यह फंगस कुछ जहरीले तत्व 'माइकोटॉक्सिन' (Mycotoxins) पैदा कर सकता है, जिन्हें गुर्दे (kidney) के नुकसान से जोड़ा गया है।
हालांकि, यह पूरी तरह से स्थिति पर निर्भर करता है:
यदि मोल्ड केवल बाहरी सतह पर है: स्वस्थ वयस्कों के लिए, यदि फंगस केवल बाहरी परतों तक सीमित है, तो आप प्रभावित परतों को अच्छी तरह से छीलकर हटा दें, उस हिस्से को काटकर अलग कर दें और बची हुई प्याज को धोकर इस्तेमाल कर सकते हैं।
यदि मोल्ड अंदर तक है: यदि काला फंगस प्याज के भीतर गहराई तक फैल गया है या प्याज छूने पर नरम और चिपचिपी (soft and mushy) महसूस हो रही है, तो सुरक्षा के लिहाज से पूरी प्याज को फेंक देना ही सबसे बेहतर विकल्प है। इसके अलावा, गंभीर श्वसन एलर्जी (respiratory allergies) वाले लोगों को फंगस लगी प्याज को संभालने से बचना चाहिए।
फंगस से बचाव कैसे करें?
प्याज को फंगस से बचाने और उसकी गुणवत्ता बनाए रखने के लिए सही भंडारण (storage) अत्यंत आवश्यक है:
ठंडा, सूखा और हवादार स्थान: प्याज को हमेशा ठंडी, सूखी और हवादार जगह पर स्टोर करें, जहां नमी कम हो।
अन्य सब्जियों से दूरी: प्याज को आलू जैसी नमी पैदा करने वाली सब्जियों के साथ रखने से बचें।
निष्कर्ष यह है कि प्याज पर काले निशान दिखना आम है, लेकिन सही जांच के बाद ही उसका इस्तेमाल करना सुरक्षित होता है।
अस्वीकरण (Disclaimer): यह जानकारी सार्वजनिक डोमेन और विशेषज्ञों से बातचीत पर आधारित है। किसी भी स्वास्थ्य या आहार संबंधी रूटीन को शुरू करने से पहले हमेशा अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लें।