ताजा खबर
Bisalpur Dam : जयपुर को आज मिली सबसे बड़ी खुशखबरी! बीसलपुर बांध में पानी भरने का आज तक का रिकॉर्ड टूट...   ||    अरविंद केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई : अदालत आबकारी नीति मामले में सीबीआई के खिलाफ दिल्ली के मुख...   ||    सीपीएल 2024: तेजतर्रार निकोलस पूरन ने तोड़ा क्रिस गेल का रिकॉर्ड!   ||    Bengal Bandh Today Live News: बीजेपी का 12 घंटे के लिए बंगाल बंद; सरकारी कर्मचारियों को ममता का निर्...   ||    Janmashtami Vrat Katha: वीडियो में देखें भगवान विष्णु ने आधी रात में क्यों लिया कृष्णावतार, जानें जन...   ||    इस महाराजा ने 50,000 रुपए में खरीदी थी विदेशी बीवी, लेकिन शादी में आई ये अड़चन, यहां पढ़े अजब प्रेम ...   ||    Petrol Diesel Price Today: राजस्थान के इस शहर में आज इतना सस्ता हुआ पेट्रोल और डीजल, आपके यहां क्या ...   ||    पूर्व PM इंदिरा गांधी की रिहाई के लिए प्लेन हाईजैक करने वाले भोलानाथ पांडेय का निधन, जानिए अनसुना कि...   ||    कोलकाता रेप-मर्डर केस-11 दिन बाद AIIMS डॉक्टरों की हड़ताल खत्म:CJI ने कहा था काम पर लौट आएं, राज्य सर...   ||    क्या जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए हाथ मिलाएंगे नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस? राहुल गांधी के दौ...   ||   

सुप्रीम कोर्ट ने 26 हफ्ते की प्रेग्नेंट महिला का अबॉर्शन रोकने का दिया निर्देश, जानिए पूरा मामला

Photo Source :

Posted On:Tuesday, October 10, 2023

मुंबई, 10 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। सुप्रीम कोर्ट ने 26 हफ्ते की प्रेग्नेंट महिला का अबॉर्शन रोकने का निर्देश दिया है। AIIMS के डॉक्टरों ने कोर्ट में बताया कि भ्रूण के पैदा होने की संभावना है। जिसके बाद कोर्ट ने डॉक्टरों को अबॉर्शन प्रोसेस रोकने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले की सुनवाई के लिए बुधवार को एक नई बेंच का गठन किया जाएगा। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने बीते दिन हुई सुनवाई में शादीशुदा महिला की अनप्लान्ड प्रेग्नेंसी टर्मिनेट करने की इजाजत दे दी थी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता महिला से कहा था कि वो आज AIIMS में भर्ती हो जाये और डॉक्टरों की सलाह लेकर जल्द से जल्द अबॉर्शन प्रोसेस पूरा करे। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर गर्भ में शिशु जीवित मिले तो डॉक्टरों की सलाह से उसे इन्क्यूबेशन में रख सकते हैं।

दरअसल, बीते दिन से पहले हुई सुनवाई में कोर्ट ने महिला के स्वास्थ्य की जांच करने के लिए AIIMS की निगरानी में एक मेडिकल बोर्ड बनाने का आदेश दिया था। साथ ही याचिकाकर्ता के मुताबिक, वह दो बच्चों की मां है और पहले से ही पोस्टपार्टम डिप्रेशन से जूझ रही है। वह भावनात्मक, आर्थिक और मानसिक रूप से इस हालत में नहीं है कि तीसरा बच्चा पाल सके। बेंच ने कहा, कोर्ट याचिकाकर्ता के फैसले लेने के अधिकार को स्वीकार करता है। बेंच ने कहा कि हम मानते हैं कि अपने शरीर पर महिला का अधिकार है और अगर अनचाहे गर्भधारण से बच्चा इस दुनिया में आएगा, तो उसके लालन-पालन की बड़ी जिम्मेदारी याचिकाकर्ता के ऊपर ही आएगी। इस वक्त वह यह जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार नहीं है। वह साइकॉलोजिकल ट्रीटमेंट भी करा रही है। उसे अबॉर्शन की इजाजत दी जाती है। AIIMS के डॉक्टरों ने कोर्ट में बताया कि भ्रूण के पैदा होने की संभावना है। जिसके बाद कोर्ट ने डॉक्टरों को अबॉर्शन प्रोसेस रोकने का निर्देश दिया।


भोपाल और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. Bhopalvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.