मुंबई, 23 मार्च, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के बयान को लेकर कहा, राणा सांगा राष्ट्र नायक थे। जिन्होंने कभी कोई युद्ध नहीं हारा था। राठौड़ ने कहा, हमारे देश में कुछ ऐसे लोग हैं। जो अपनी आत्मा को देश के दुश्मनों को बेच चुके हैं। यह लोग अपने ही देश को नीचा दिखाना और अपने महापुरुषों को अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। यह लोग दीमक हैं, जो आपकी चौखट को खोखला करने में लगे हैं। अब देश जा चुका है। इन्हें हम और बर्दाश्त नहीं करेंगे। इंडिया एलाइंस और समाजवादी पार्टी के नेता तुष्टिकरण की राजनीति के लिए सनातन धर्म, महापुरुषों और शौर्य वीरों का अपमान करते रहे हैं। कार सेवकों पर गोली चलाने का आदेश देना हो या फिर सेना के शौर्य पर शक करना ही इनका चरित्र है।
राठौड़ ने कहा, सदन में खड़े होकर वीर योद्धाओं को गद्दार कहना सिर्फ एक बयान नहीं है। बल्कि, राष्ट्र के सम्मान पर हमला है। महायोद्धा भारत की शान राणा सांगा जिन्होंने भारत के स्वाभिमान की रक्षा के लिए सैकड़ों युद्ध लड़े थे। उनके लिए गलत बोलना पूरी तरह अस्वीकार्य है। राणा सांगा तो साहस और स्वाभिमान का उदाहरण हैं। उन्होंने 100 से ज्यादा युद्ध लड़े, जिनमें वह कभी पराजित नहीं हुए थे। महज एक युद्ध उनके जीवन का अपवाद रहा है। उन्होंने कहा- उनके शरीर पर 80 से ज्यादा घाव थे। फिर भी वह अंतिम सांस तक मातृभूमि की रक्षा के लिए लड़ते रहे थे। एक आंख एक हाथ और एक पर खोने के बावजूद उनका संकल्प अडिग रहा था। यह लोग उनके लिए गलत बात बोल रहे हैं। राठौड़ ने कहा, राणा सांगा ने बाबर की सेना को भी धूल चटाई थी। बाबर ने खुद इस बात को लिखा कि हार के बाद अपने सैनिकों को इस्लाम के नाम पर एक किया और शराब छोड़ने की कसम खाई थी। इतिहासकारों भी बताते है कि इब्राहिम लोदी को हराने के लिए राणा सांगा ने बाबर को नहीं बुलाया बल्कि, सच्चाई यह है कि लोधी की कमजोरी का फायदा उठाने के लिए पंजाब के गवर्नर दौलत का और लोधी के ही चाचा आलम खान ने बाबर को भारत पर आक्रमण के लिए बुलाया था। उन्होंने कहा कि भारत के वीर योद्धा हमारे लिए प्रेरणा है। उन्होंने अपने जीवन पर खेल कर भारत की संस्कृति, परंपरा और अस्तित्व की रक्षा की है। भारत का इतिहास राणा सांगा जैसे वीरों के शौर्य से लिखा गया है। जो वीर अपने रक्त की आखिरी बून्द तक भारत भूमि के रक्षा के लिए लड़ता है। उसे गद्दार नहीं राष्ट्र नायक कहा जाता है। इसलिए मेरे साथियों, शेरदिल हिंदुस्तानियों, जरूरत पड़ने पर हमारी तीसरी आंख खुलनी चाहिए।