ताजा खबर

पीएम मोदी ने कहा, डिजिटल अरेस्ट एक खुला झूठ और लोगों को फंसाने की साजिश, इसका सरकार में कोई प्रावधान नहीं, जानिए पूरा मामला

Photo Source :

Posted On:Sunday, November 24, 2024

मुंबई, 24 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात रेडियो शो के 116वें एपिसोड में कहा, हमें बार-बार लोगों को समझाना होगा कि सरकार में डिजिटल अरेस्ट का कोई प्रावधान नहीं है। यह एक खुला झूठ और लोगों को फंसाने की साजिश है। 115वें एपिसोड में उन्होंने डिजिटल अरेस्ट जैसे फ्रॉड से बचने के लिए तीन स्टेप रुको, सोचो और एक्शन लो अपनाने की बात कही थी। नरेंद्र मोदी ने कहा, 2024 तक NCC से 20 लाख से ज्यादा युवा जुड़े हैं। पहले की तुलना में, 5 हजार नए स्कूलों और कॉलेजों में NCC का प्रावधान किया गया है। पहले NCC में लड़कियों की संख्या सिर्फ 25% थी। अब यह बढ़कर लगभग 40% हो गई है, जो एक बड़ा बदलाव है। NCC युवाओं में अनुशासन, नेतृत्व और सेवा की भावना विकसित करती है। जब भी कहीं आपदा होती है, चाहे वह बाढ़ हो, भूकंप हो या कोई अन्य दुर्घटना, एनसीसी कैडेट वहां मदद के लिए जरूर मौजूद रहते हैं।

उन्होंने यह भी कहा, 2025 स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती के रूप में मनाया जाएगा और इसे खास तरीके से मनाने की तैयारी है। स्वामी विवेकानंद की जयंती पर 11-12 जनवरी को दिल्ली के भारत मंडपम में युवा विचारों का एक महाकुंभ आयोजित किया जाएगा। इसका नाम 'विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग' रखा गया है। देश में 1 लाख ऐसे नए युवाओं को राजनीति से जोड़ने के लिए विशेष अभियान भी चलाए जाएंगे। कुछ युवाओं ने समूह बनाकर विभिन्न मुद्दों को सुलझाने का प्रयास किया है। लखनऊ के वीरेंद्र ने बुजुर्गों की डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट से जुड़ी समस्याओं को हल करने में मदद की है। इससे चीजें बहुत आसान हो गईं। बुजुर्गों को अब बैंक जाने की जरूरत नहीं पड़ती। मैं कहना चाहूंगा कि युवा तकनीकी अपराधों से बचने के लिए बुजुर्गों की मदद करें और उन्हें सुरक्षित डिजिटल व्यवहार अपनाने में हेल्प करें। चेन्नई में 'प्रकृति अरिवगम' के नाम से च्चों के लिए एक ऐसी लाइब्रेरी बनाई गई है, जो रचनात्मकता और सीखने का केंद्र बन गई है। फूड फॉर थॉट फाउंडेशन ने हैदराबाद में कई लाइब्रेरी बनाई हैं। बिहार में गोपालगंज में भी प्रयोग लाइब्रेरी की चर्चा हो रही है। इससे 12 गांव के युवा को मदद मिल रही है।

उन्होंने आगे कहा, भारत से हजारों किलोमीटर दूर, गुयाना में भी एक 'मिनी इंडिया' बसता है। लगभग 180 साल पहले, भारत से लोगों को गुयाना में खेती और अन्य कामों के लिए ले जाया गया था। आज गुयाना में भारतीय मूल के लोग राजनीति, व्यापार, शिक्षा और संस्कृति जैसे हर क्षेत्र में देश का नेतृत्व कर रहे हैं।गुयाना की तरह, दुनिया के दर्जनों देशों में लाखों भारतीय रहते हैं। उनके पूर्वजों की कई दशकों, यहां तक कि 200-300 साल पुरानी कहानियां हैं। ऐसे में, यह देखना रोचक होगा कि भारतीय प्रवासियों ने कई देशों में अपनी पहचान कैसे बनाई। भारतीय प्रवासियों की ऐसी ही कहानियों को खोजें, इन कहानियों को मेरे साथ साझा कर सकते हैं। हमारे देश में 'वेस्ट टू वेल्थ' की धारणा बहुत पुरानी है। आज देश के कई हिस्सों में युवा बेकार समझी जाने वाली चीजों को अलग-अलग तरीकों से संपदा में बदल रहे हैं। वे न केवल बेकार वस्तुओं को उपयोगी बना रहे हैं, बल्कि इससे पैसे भी कमा रहे हैं और रोजगार के नए अवसर भी पैदा कर रहे हैं। मैं चाहता हूं कि युवा इस दिशा में और ज्यादा प्रयास करें और पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक लाभ के इस मॉडल को आगे बढ़ाएं।


भोपाल और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. Bhopalvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.