मुंबई, 11 मार्च, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। भारत ने अपनी पहली इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया। इसकी रेंज 5000 किमी है। यह मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) टेक्नोलॉजी से लैस है। यानी इसे एक साथ कई टारगेट्स पर लॉन्च किया जा सकता है। डेढ़ टन तक न्यूक्लियर हथियार अपने साथ ले जा सकती है। इसकी स्पीड मैक 24 है, यानी आवाज की स्पीड से 24 गुना ज्यादा। लॉन्चिंग सिस्टम में कैनिस्टर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इस वजह से इस मिसाइल को कहीं भी आसानी से ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है। इस्तेमाल भी बेहद आसान है, इस वजह से देश में कहीं भी इसकी तैनाती की जा सकती है। इसका परीक्षण MIRV के साथ हुआ। जबकि पहला परीक्षण अप्रैल 2012 में हुआ था। आपको बता दें, अग्नि-5 भारत की पहली और एकमात्र इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बनाया है। ये भारत के पास मौजूद लंबी दूरी की मिसाइलों में से एक है।
तो वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कामयबी पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी DRDO के वैज्ञानिकों को बधाई दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, मिशन दिव्यास्त्र के लिए हमें अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है। मिशन दिव्यास्त्र देश में ही विकसित हाइली एडवांस्ड वेपन सिस्टम है। यह मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) तकनीक है, जिसकी वजह से एक ही मिसाइल अलग अलग लोकेशंस पर कई वॉर हेड तैनात कर सकती है।