देशभर में 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मनाया जाता है, जिसके बाद एंटी-वेलेंटाइन वीक मनाया जाता है। जहां वैलेंटाइन वीक रोमांस और प्यार का जश्न मनाता है, वहीं एंटी-वैलेंटाइन थप्पड़, ब्रेकअप, किक, फ़्लर्ट और गुमशुदा दिनों का जश्न मनाता है। एंटी-वैलेंटाइन वीक के छठे दिन आज मिसिंग डे मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने प्रियजनों से अपनी भावनाएं व्यक्त कर सकते हैं कि वे उन्हें कितना याद करते हैं। एंटी-वैलेंटाइन वीक उन लोगों के लिए खास है जिन्हें अभी तक अपना प्यार नहीं मिला है या उनका ब्रेकअप हो गया है।
गौरतलब है कि इस दिन को मनाने का मकसद यह है कि जो लोग अपने प्रियजनों को याद करते हैं या उन्हें मिस करते हैं, वे खुलकर उनसे अपनी भावनाएं व्यक्त कर सकें। साथ ही इस खास दिन पर वे अपने प्रियजनों को संदेश या शुभकामना संदेश भेजकर भी अपनी भावनाएं व्यक्त कर सकते हैं। आइए जानते हैं मिसिंग डे के इतिहास और महत्व के बारे में।
क्यों मनाया जाता है मिसिंग डे ?
आपको बता दें कि मिसिंग डे मनाने का मुख्य उद्देश्य उन लोगों को याद करना है जिनका निधन हो चुका है या उनके जीवनसाथी उन्हें छोड़कर चले गए हैं। इसके अलावा यह दिन उन लोगों के लिए भी खास है जो अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को यह नहीं बता पाते कि वे उनसे कितना प्यार करते हैं या उन्हें कितना याद करते हैं। ऐसे में इस दिन वह उनसे अपनी भावनाएं व्यक्त कर सकते हैं। आप उन्हें यह एहसास भी दिला सकते हैं कि उनकी जिंदगी में उनकी कितनी अहमियत है।
ऐसे बनाएं छूटे हुए दिन को खास
अगर आपका पार्टनर आपसे दूर रह रहा है तो आप अपने बाबू-सोना को 'मिस यू' कहने की बजाय उन्हें कोई खूबसूरत सा गिफ्ट दे सकते हैं। वहीं, अगर आपका अपने पार्टनर से ब्रेकअप हो गया है तो उस पर रोने या उसे याद करने की बजाय खुद पर कुछ समय बिताएं। जो पैसा आप उन्हें खुश करने में खर्च करते, उसे खुद पर खर्च करें। किसी स्पा में जाएँ, मूवी देखें, शॉपिंग करने जाएँ या कुछ अच्छा खाने के लिए ले जाएँ।