मुंबई, 24 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि है सरकार का फेलियर है। उन्होंने राजस्थान में सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा रद्द नहीं होने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में लगे अधिकारियों और मंत्री केके विश्नोई को जिम्मेदार ठहराया। वहीं, मुख्यमंत्री भजनलाल सरकार पर निशाना साधते हुए 26 अप्रैल से सरकार के खिलाफ युवाओं के साथ आंदोलन करने का ऐलान भी किया। हनुमान बेनीवाल ने कहा, जम्मू कश्मीर में 27 से ज्यादा सीधे-साधे लोगों की हत्या के मामले में देश की सरकार का बड़ा फेलियर रहा है। जिस तरह कारगिल में बड़ी घुसपैठ हुई थी। इसमें हजारों सैनिकों की जान गवाने के बाद हमारी कारगिल विजय हुई थी। ठीक इसी तरह पहलगाम में भी बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। वहां सरकारी तंत्र ने ठीक ढंग से काम नहीं किया। जिस तरह से बाद में आनन - फानन में वहां नेताओं की एंट्री हुई। अगर यही काम पहले कर लिया जाता तो आज हालात इस तरह के नहीं होते। जब सरकार पंजाब में आतंकवाद खत्म कर सकती है तो जम्मू कश्मीर में भी ऐसा हो सकता है। लेकिन प्रधानमंत्री के बड़े बयानों से अब काम नहीं चलेगा। अब सरकार को आतंकवादियों को खत्म करने के लिए पीओके पर कब्जा करना चाहिए। आज नहीं तो कल सरकार को यह करना ही है। फिर इंतजार की बात का करना है। यह बतौर सांसद न सिर्फ मेरी बल्कि, करोड़ों देशवासियों की आवाज है। हम सब चाहते हैं कि अब वह पो के नहीं रहे बल्कि वहां भी भारत का झंडा लहराए। आज नहीं तो तक केंद्र सरकार को अग्नि वीर को भी खत्म करना ही होगा। आखिर कोई 4 साल लड़ने के लिए क्यों ही जाएगा।
उन्होंने आगे कहा, राजस्थान में सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा को रद्द करने के साथ ही नौजवानों की तमाम मांगों को लेकर मैं युवाओं के साथ शहीद स्मारक पर अनिश्चितकालीन आंदोलन की शुरुआत करूंगा। इसके बाद जरूरत पड़ने पर जयपुर में एक लाख लोगों की रैली भी आयोजित करूंगा। युवाओं की लड़ाई अंतिम सांस तक लड़ूंगा। अब तक दर्जनों लोगों को सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में गिरफ्तार किया जा चुका है। राजस्थान लोक सेवा आयोग के दो सदस्य भी पकड़े जा चुके हैं। फिर भी अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय जो पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे का नजदीकी था। अब भजनलाल शर्मा का भी नजदीकी बन गया है। इस वजह से संजय से अब तक पूछताछ तक नहीं की जा रही है। जबकि राजस्थान लोक सेवा आयोग के सभी खुफिया दस्तावेज अध्यक्ष के पास ही रहते हैं। यह भी कहा, राजस्थान के कांग्रेसी नेताओं को गिरफ्तारी का डर था। इसलिए उन्होंने भाजपा नेताओं से कहा कि हम आपको उपचुनाव जीता देंगे। लेकिन बस आप हमें गिरफ्तार नहीं करना। यही कारण है कि कांग्रेस के नेताओं ने खुद की जमानत जब्त करवा दी। हकीकत में तो कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टी आपस में मिली हुई है।