मुंबई, 29 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। दिल्ली की हवा लगातार बेहद खराब कैटेगरी में आ रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार औसत AQI 331 था। सिर्फ दिल्ली के बवाना और मुंडका में AQI 400 पार दर्ज किया गया। हालांकि, 37 मॉनिटरिंग स्टेशंस में से 22 जगह AQI 400 के नीचे दर्ज हुआ। दिल्ली में प्रदूषण के कारण विजिबिलिटी घटी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विजिबिलिटी घटकर 1100 मीटर रह गई। इससे फ्लाइट ऑपरेशंस दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हालांकि, किसी भी फ्लाइट के लेट होने की अभी तक सूचना नहीं मिली है। एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के लिए केंद्र के डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (DSS) ने अनुमान जताया कि 21.6% प्रदूषण गाड़ियों से निकलने वाले धुएं की वजह से था। DSS गाड़ियों से निकले धुंए के लिए रोज अनुमान जारी करता है। दिल्ली में प्रदूषण की वजह पड़ोसी राज्यों में जलाए जा रहे पराली भी है। उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की 103, पंजाब में 34 और हरियाणा में 7 घटनाएं सामने आईं। हालांकि, सैटेलाइट डेटा के अनुसार 15 सितंबर से 28 नवंबर के बीच पंजाब में पराली जलाने की 10,855, हरियाणा में 1380 और उत्तर प्रदेश में 5554 घटनाएं दर्ज की गईं।
वहीं, दिल्ली में प्रदूषण को लेकर 28 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में सभी GRAP-4 उपाय 2 दिसंबर तक लागू रहेंगे। हालांकि स्कूलों के लिए बनाए गए नियमों में छूट दी जा सकती है। जस्टिस अभय ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा - कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट से पता चलता है कि अधिकारी प्रतिबंधों का पालन करवाने में फेल रहे हैं। इसमें गंभीर चूक करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई तेजी से होनी चाहिए।