मुंबई, 11 मार्च, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। केंद्र सरकार ने सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट यानी CAA का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके साथ ही यह कानून देशभर में लागू हो गया है। CAA को हिंदी में नागरिकता संशोधन कानून कहा जाता है। इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
आपको बता दें, भारतीय नागरिकों से CAA का कोई सरोकार नहीं है। संविधान के तहत भारतीयों को नागरिकता का अधिकार है। CAA या कोई कानून इसे नहीं छीन सकता। 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी। इन तीन देशों के लोग ही नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे। आवेदन ऑनलाइन करना होगा। आवेदक को बताना होगा कि वे भारत कब आए। पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज न होने पर भी आवेदन कर पाएंगे। इसके तहत भारत में रहने की अवधि 5 साल से अधिक रखी गई है। बाकी विदेशियों (मुस्लिम) के लिए यह अवधि 11 साल से अधिक है।
तो वहीं, CAA के ऑनलाइन पोर्टल को रजिस्ट्रेशन के लिए तैयार कर लिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसका ड्राई रन भी कर लिया है। सूत्रों ने कहा कि CAA इन पड़ोसी देशों के उन शरणार्थियों की मदद करेगा जिनके पास दस्तावेज नहीं हैं। मंत्रालय को लंबी अवधि के वीजा के लिए सबसे ज्यादा आवेदन पाकिस्तान से मिले हैं। गृह मंत्री अमित शाह दो महीने में दो बार कह चुके थे कि CAA लोकसभा चुनाव से पहले लागू किया जाएगा। यह देश का कानून है। इसे कोई रोक नहीं सकता। संसद ने CAA पर 11 दिसंबर 2019 को मुहर लगाई थी। हालांकि, सरकार इस कानून को लागू करने के लिए नियम-कायदे बनाने की समय सीमा 8 बार बढ़ा चुकी है।