महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के करवीर तालुका के उजालाईवाड़ी क्षेत्र में एक हृदय विदारक हादसा सामने आया है। 13 वर्षीय छात्र अफ़ान आसिफ बागवान की हाई-टेंशन बिजली लाइन के संपर्क में आने से मौत हो गई। मात्र कुछ पलों में बदला यह हादसा पूरे परिवार और इलाके के लिए सदमे का कारण बन गया। अफ़ान सातवीं कक्षा में पढ़ता था और शिक्षक हड़ताल के कारण स्कूल बंद होने की वजह से वह दोस्तों के साथ घर के पास क्रिकेट खेल रहा था।
खेल के दौरान गेंद पड़ोसी हनुमंत खांडेकर के घर की छत पर चली गई। गेंद लाने के लिए अफ़ान जैसे ही छत पर पहुंचा और आगे बढ़ा, तभी घर से करीब डेढ़ से दो फीट की दूरी पर गुजर रही 11 हजार वोल्ट की बिजली लाइन उसके संपर्क में आ गई। तेज झटके के कारण उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। यह घटनाक्रम इतना अचानक हुआ कि उसके साथ खेल रहे बच्चों और आसपास मौजूद लोग कुछ समझ ही नहीं पाए।
इकलौते बेटे की मौत से परिवार सदमे में
अफ़ान अपने परिवार का इकलौता बेटा था। पिता प्राइवेट इंडस्ट्रियल ज़ोन में मजदूरी करते हैं और मां गृहिणी हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति सामान्य होने के बावजूद अफ़ान पढ़ाई में तेज और संस्कारी बच्चा था। उसके दो बड़ी बहनें हैं और घर में सबसे छोटा होने के कारण वह सबका लाड़ला भी था।
घटना के बाद घर में चीख-पुकार मच गई। पड़ोसी भी इस दुखद हादसे से भावुक हो उठे। सभी ने उसे एक शांत, मददगार और दोस्तों के बीच लोकप्रिय बच्चे के रूप में याद किया। पूरे इलाके में शोक की लहर है, कोई भी इस दर्दनाक हादसे को लेकर विश्वास नहीं कर पा रहा है।
पुलिस ने गोकुल शिरगांव थाने में मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है। यह भी आशंका जताई जा रही है कि जिम्मेदार विभाग ने हाई-टेंशन लाइन की ऊंचाई और सुरक्षा मानकों का सही पालन नहीं किया, जिससे यह दुखद हादसा हुआ।
बिजली व्यवस्था पर उठे सवाल
इस हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि घनी आबादी वाले क्षेत्रों, घरों की छतों, स्कूलों और खेल स्थलों के पास से हाई-टेंशन तारों का गुजरना बच्चों और आम लोगों के लिए लगातार खतरा बना हुआ है। कई निवासियों ने इस क्षेत्र में बिजली तारों को ऊंचा करने या भूमिगत करने की मांग भी उठाई है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।
स्थानीय प्रशासन की ओर से आश्वासन दिया गया है कि जांच पूरी होने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
दत्त जयंती प्रसाद के बाद 100 ग्रामीण बीमार
इसी बीच कोल्हापुर जिले के गडहिंग्लज तालुका के सांबरे गांव से एक और चिंताजनक खबर सामने आई है। यहां दत्त जयंती पर आयोजित महाप्रसाद वितरण के बाद करीब 100 लोगों के फूड पॉइजनिंग का शिकार होने की जानकारी मिली है। महाप्रसाद लेने के कुछ समय बाद ही ग्रामीणों में उल्टी, पेट दर्द और दस्त के लक्षण दिखने लगे। स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई है और बीमार लोगों का उपचार जारी है। कई लोगों को नजदीकी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि कुछ मरीजों का प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया।
स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन सतर्क
पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने भोजन के सैंपल जांच के लिए भेज दिए हैं। प्रारंभिक आशंका खाद्य सामग्री के दूषित या निष्क्रिय होने के आधार पर फूड पॉइजनिंग की ही मानी जा रही है।
स्थानीय प्रशासन ने आयोजकों को भोजन बनाने और परोसने में स्वच्छता मानकों का पालन करने के निर्देश दिए हैं, साथ ही आगे ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए निगरानी बढ़ाने की बात कही है।