अभिनेत्री निहारिका रायज़ादा ने अपनी खूबसूरत और हॉट जंगल फोटोशूट से पूरे इंटरनेट पर तहलका मचा दिया था जिसके बाद वह सबसे ज्यादाडीसाइरबल अभिनेत्रियों में से एक बन गयी लेकिन जब
आप उनकी डेटिंग प्राथमिकताएं और प्रेम की परिभाषा जानेंगे तो वह आपके दिल को छू जाएँगी।
लक्समबर्ग में जन्मी और पाली बढ़ी , वह एक योग्य हृदय रोग विशेषज्ञ है। उनके पास स्वाभाविक सुंदरता है और गाने और डांस के प्रति उनका जूनूनउन्हें भारत ले आया। कुछ ही समय में उन्होंने मसान, टोटल धमाल,
सूर्यवंशी और आईबी 71 जैसी फिल्मों से अपने प्रशंसकों का दिल जीत लिया ।हालही में अपने एक इंटरव्यू के दौरान निहारिका ने अपनी लव लाइफ, डेटिंग सीन ,डेटिंग प्राथमिकताओं के बारे में बात की।
प्यार के बारे में बात करते हुए निहारिका ने कहा, "निहारिका रायज़ादा हमेशा प्यार में होती है। मैं यह पहले भी कह चुकी हूँ कि मैं हमेशा प्यार में होती है।कोई भी ऐसा दिन नहीं बीतता जब मैं प्यार में न हूँ।अगर मैं किसी
रिश्ते में नहीं होती, मैं दिन के अंत तक यह सुनिश्चित कर लेती हूँ कि मैं किसी तरह केरिश्ते में आ जाऊ. मुझे लगता है कि इंसान को हमेशा किसी न किसी रिश्ते में रहना चाहिए क्यूंकि अगर आप किसी रिश्ते में होते हैं
तो आप हमेशा खुशरहते हैं , आप अच्छा महसूस करते हैं और मैं उस तरह की व्यक्ति हूँ जो हर समय खुश रहने की कोशिश करती हैं। "
'एक रिश्ता होना बहुत जरुरी है और इंसान की ज़िन्दगी में प्यार हमेशा होना चाहिए। हो सकता है प्यार हमेशा न रहे लेकिन आपको हमेशा फिर से प्यारढूंढ लेना चाहिए। प्यार आपके दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए। जैसे
आप रोज़ सुबह उठते हैं, ब्रश करते है, खाना खाते हैं , वैसे ही आपको रोज़ प्यारकरना चाहिए। "
जब निहारिका से उनकी डेटिंग प्राथमिकताओं के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “मुझे लंबे लोग पसंद हैं, और वह धूम्रपान न करने वाला, शराब नपीने वाला और कुत्तों को प्यार करने वाला होना चाहिए। जो लोग बिल्लियों
से प्यार करते हैं वे लोग मुझे भरोसेमंद नहीं लगते। यह बात जजमेंटल लगसकती है , मेरे कुछ दोस्त है जो बिल्लियों को प्यार करते हैं लेकिन मुझे लगता है मैं उन्हें डेट नहीं कर सकती। मुझे लगता है कि मेरे लिए आदर्श साथी
एक हृदय रोग विशेषज्ञ होगा, जो गा सकता हो ।''
अपने टर्न- ऑन के बारे में बात करते हुए निहारिका ने कहा, "अगर कोई मुझे कुछ ऐसा सिखा सकता है जो मैं नहीं जानती, या नहीं कर सकती, तो यहमेरे लिए बहुत बड़ा टर्न-ऑन होता है। मैं संस्कृत और हिंदी पढ़ने में उतनी
अच्छी नहीं हूं तो अगर कोई मुझे कविता सुना सके और हिंदी के नाटक मेरे लिएपढ़ सके तो मैं उस से बहुत ज्यादा उत्साहित हो जाउंगी।"